चुनावी मौसम में 50 से अधिक सांसद-विधायकों ने दल बदला

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब महज कुछ ही दिन बाकी है, ऐसे में तमाम सियासी दलों में नेताओं का आना जाना शुरू हो गया है। पिछले कुछ दिनों पर नजर डालें तो कई बड़े नेताओं ने अपनी पार्टी को चौंकाया है। हर बार की तरह इस बार के चुनाव में भी कई नेताओं ने अपनी पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टी का दामन थामा है। अगर शीर्ष नेताओं की बात करें तो इस चुनावी मौसम में सबसे बड़ा नाम शत्रुघ्न सिन्हा का है, जोकि लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी में थे, लेकिन इस बार उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा के टिकट पर बिहार में पटना साहिब सीट से लोकसभा सांसद हैं।

इस चुनावी मौसम की बात करें तो दल बदलने वाले नेताओं की संख्या 50 को पार कर गई है। शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा जिन नेताओं ने दल बदला है उनमे मौजूदा सांसद और विधायकों की संख्या 39 है। जिसमे जिसमे से तीन सांसद और 10 विधायक भाजपा के हैं जिन्होंने दूसरे दल का हाथ थाम लिया है। जबकि तीन सांसद और एक विधायक ने कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कुल आंकड़ों की बात करें तो कांग्रेस का एक सांसद और 21 विधायकों ने साथ छोड़ा है। वहीं भाजपा के 5 सांसद और 12 विधायकों ने पार्टी को छोड़ा है।

कांग्रेस के जिन 22 विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ा है उसमे से 8 भाजपा में शामिल हो गए हैं। 3 फरवरी को गुजरात के मेहसाणा के उंझा जसीटे से विधायक ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का हाथ थामा था। पटेल ने भाजपा के दिग्गज नेता नारन पटेल को 2017 के विधानसभा चुनाव में हराया था। 8 मार्च को कांग्रेस के विधायक जवाहर चावड़ा ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का हाथ थामा और सरकार में उन्हें मंत्री मिला। गुजरात से तीन और विधायकों ने भाजपा का हाथ थामा था, जिसमे से दो को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। कर्नाटक की बात करें तो कांग्रेस नेता उमेश जाधव, जोकि कलबुर्गी के चिंचोली से पार्टी के विधायक थे उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अब माना जा रहा है कि भाजपा उन्हें कांग्रेस के खिलाफ मैदान में उतार सकती है। अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक मार्कियो टडो भाजपा में शामिल हो गए हैं। माना जा रहा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा उन्हें मैदान में उतार सकती है।

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