केंद्रीय कर्मचारियों का 3 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ा

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक मंगलवार को संपन्न हुई। कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई। यहां सरकारी कर्मचारियों को 1 जनवरी 2019 से महंगाई भत्ता तीन फीसद बढ़ाने को भी कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी। अहमदाबाद मेट्रो फेज 2 और रैपिड रेल सेवा पर भी कैबिनेट ने मुहर लगाई। इसके साथ ही तीन तलाक बिल, इंडियन मेडिकल काउंसिल, कंपनी लॉ अमेंडमेंट और बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल से जुड़े अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दी।वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये एक जनवरी से महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़ाने को मंजूरी दी है। 

सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी को गाजियाबाद के रास्ते मेरठ से जोड़ने के लिए क्षेत्रीय द्रुत परिवहन प्रणाली के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।। इस पर 30,274 करोड़ रुपये की लागत आएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंगलवार को यहां हुई बैठक में यह फैसला किया गया। 

बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘मंत्रिमंडल ने क्षेत्रीय द्रुत परिवहन प्रणाली (आरआरटीएस) के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह 82.15 किलोमीटर की होगी।’ इस 82.15 किलोमीटर में से 68.03 किलोमीटर का मार्ग पुल के रूप में खंभों पर होगा और शेष 14.12 किलेामीटर का रास्ता भूमिगत होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर 30,274 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। मेरठ और गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में हैं। 

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में त्वरित यातायात सुविधा विकसित करने के लिये दिल्ली से मेरठ के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 30 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली आरआरटीएस परियोजना को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय द्वारा लागू की जाने वाली इस परियोजना के द्वारा एनसीआर क्षेत्र में दिल्ली से गाजियाबाद होते हुये मेरठ को हाईस्पीड रेल सेवा से जोड़ा जाएगा। 

रैपिड रेल मार्ग की कुल लंबाई 82.15 किमी होगी। इसमें 14.12 किमी मार्ग भूमिगत होगा, शेष मार्ग ऐलिवेटिड होगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना को पूरा करने में छह साल लगेंगे। इससे एनसीआर क्षेत्र में त्वरित यातायात सुविधा की शुरुआत होने के साथ ही इससे जुड़े क्षेत्रों में आवास एवं अन्य विकास कार्यों में तेजी आएगी। जेटली ने बताया कि इस परियोजना की कुल लागत 30272 करोड़ रुपये होगी। इसमें केंद्र सरकार 5634 करोड़ रुपये देगी। 

उल्लेखनीय है कि परियोजना की कुल लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा (लगभग 17 हजार करोड़) ऋण के रूप में जुटाया जाएगा। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी 4726 करोड़ रुपये और दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी लगभग 1100 करोड़ रुपये होगी। 

जेटली ने बताया कि मंत्रिमंडल ने शहरी विकास से जुड़ी अहमदाबाद मेट्रो की दो परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गयी। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद मेट्रो के दूसरे चरण में दो कॉरीडोर, मोटेरा स्टेडियम से महात्मा मंदिर और गुजरात नेशनल लॉ यूनीवर्सिटी से गिफ्ट सिटी को मंजूरी दे दी गई। 

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