अररिया में शराब के बाद बिहार में कफ सीरप की तस्करी

बिशेष प्रतिनिधि द्वारा
अररिया : शराबबंदी में शराब के साथ-साथ कफ सीरप की भी तस्करी हो रही है। युवा पीढ़ी नशे के लिए शराब के अन्य विकल्पों को तलाश कर रही है। कोडिनयुक्त कफ सीरप सहित दूसरे ड्रग्स का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। नशे के बदले इन विकल्पों को लेकर अंतरराज्यीय गिरोह सक्रिय हैं। जो दूसरे राज्यों में ड्रग्स सप्लाई किए जाने के नाम पर इन नशीली दवाओं को खपा रहा है।
फारबिसगंज पुलिस ने बुधवार देर रात हाइवे पर कार्रवाई कर भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सीरप बरामद किया। ढोलबज्जा पेट्रोल पंप के पास कामयाबी मिली। उत्तर प्रदेश नंबर की गाड़ी से कफ सीरप गोरखपुर से सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग भेजा जा रहा था। चेकिंग के दौरान पुलिस को सफलता मिली। गाड़ी के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया।
गाड़ी से कुल 1 हजार 488 लीटर कफ सीरप जब्त किया गया। 14 हजार 880 पीस कफ सीरप है, जिसकी कीमत 26 लाख 40 हजार रुपए बताई जा रही है। वहीं, कार और कफ सीरप की कीमत 30 लाख रुपए है। मामले में फारबिसगंज थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेन्दु ने बताया कि रात में गुप्त सूचना मिली थी कि फोरलेन एनएच 57 से उत्तर प्रदेश नंबर की एक गाड़ी से भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सीरप का खेप जा रहा था, जिसके बाद पुलिस की टीम को एनएच पर लगाया गया और फिर ढोलबज्जा के पास गाड़ी को पकड़ा गया।
यूपी 53जीटी-1033 नंबर की गाड़ी की तलाशी ली गई तो उसमें लोड भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सीरप को बरामद किया गया। मामले में गाड़ी के ड्राइवर को हिरासत में लिया गया, जिसने बताया कि ये कफ सीरप गोरखपुर में लोड किया गया था और इसकी डिलिवरी सिलीगुड़ी दार्जिलिंग में होनी थी। गाड़ी का मालिक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले पद्युम्न प्रजापति हैं। मामले में फारबिसगंज थाना पुलिस के केस दर्ज कर अनुसंधान के तहत बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज को तलाशते हुए कार्रवाई करने की बात कही है।

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