News Agency : आम चुनाव के तहत दिल्ली की सातों सीटों (नई दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तरी पूर्वी दिल्ली, उत्तरी पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक) पर twelve मई को मतदान हो चुका है, लेकिन सभी दलों ने मतदान को लेकर अपना-अपना आंकलन शुरू कर दिया है।इस बीच दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता राजेंद्र पाल गौतम ने कहा है कि पहले दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर AAP को जीत मिलने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन मुस्लिम वोटर ने कंफ्यूजन में वोट डाला, जिसके चलते कुछ वोटर काग्रेस की तरफ शिफ्ट हुए हैं। इसके अलावा वोटिंग से दो रात पहले गरीब वोटरों को पैसे बांटे गए, जिसके चलते भी वोट ट्रांसफर हुए हैं। राजेंद्र पाल गौतम उत्तरी-पूर्वी दिल्ली की सीमापुरी विधानसभा से विधायक भी हैं।
बता दें कि दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से उत्तरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा वोटिंग हुई थी। यहां पर 63.39 फीसद लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। इस लोकसभा क्षेत्र में दिल्ली की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी है। यहां करीब 23 फीसद मुस्लिम हैं, जिसमें सीलमपुर और मुस्तफाबाद जैसे मुस्लिम बहुल इलाके हैं। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी शीला दीक्षित, भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी और आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडेय के बीच मुकाबला है।
वहीं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अलावा चांदनी चौक और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर भी मुस्लिम वोटरों की तादाद निर्णायक है। चुनाव प्रचार में आप मुखिया अरविंद केजरीवाल लगातार वोट न बंटने की अपील कर रहे थे। AAP को ये आस थी कि भाजपा के विरोध में मुस्लिम समाज का वोट उसे एकतरफा मिलेगा, लेकिन वोटिंग के बाद चर्चा ये रही कि कांग्रेस के हिस्से भी मुस्लिम समाज का वोट गया है।
इस चर्चा की अब अरविंद केजरीवाल के मंत्री ने भी पुष्टि कर दी है। गौतम ने पूछे जाने पर कहा कि मेरी विधानसभा में करीब 67 फीसद वोट डाला गया है। इसके अलावा गर्मी का असर और पूर्वांचलियों के यहां शादिया थीं, जिसके चलते वो अपने गांव चले गए थे। साथ ही रोजे का असर भी वोटिंग में देखने को मिला। हालांकि इसके बावजूद अच्छा वोट पड़ा।