झारखंड न्यायिक सिविल जज (कनीय कोटी) अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी ओबीसी विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिनव भगत के नेतृत्व में झारखंड के समाज कल्याण मंत्री डा लुईस मरांडी से मुलाक़ात की।
प्रतिनिधिमंडल ने जेपीएससी द्वारा निकाली गयी नियुक्ति झारखंड न्यायिक सेवान्तर्गत असैनिक न्यायाधीश (कनीय कोटि) विज्ञापन संख्या- 12/2018 में आरक्षण संबंधित त्रुटियों पर मंत्रीजी का ध्यान आकृष्ट कराया।वार्ता के दौरान कांग्रेस ओबीसी विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिनव भगत ने बताया कि जेपीएससी ने उक्त पद के लिए कुल 107 पदों के लिए दिनांक 24-11-2018 से आवेदन आमंत्रित किया था, जिसमें जेपीएससी ने झारखंड सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षण नियमावली( सीधी भर्ती हेतु आदर्श रोस्टर- 2002, 2008 एवं 2009 की आरक्षण नियमावलि) का पालन नहीं करते हुए सामान्य श्रेणी में -78, एसटी- 17, एससी- 05, ओबीसी-।- 04, ओबीसी-।।- 03 पर विज्ञापन जारी कर दी। जबकि आदर्श रोस्टर- 2002, 2008 एवं 2009 की आरक्षण नियमावली के अनुसार एसटी- 26%, एससी- 10%, ओबीसी(।&।।)- 14%(08%+6%) निर्धारित की गई है।
इस आधार पर जेपीएससी झारखंड सरकार के आदर्श रोस्टर का सीधे तौर पर उल्लंघन करते हुए निर्धारित प्रतिशत को आधी कर आरक्षित किया है, जो राज्य के प्रतिभागियों के साथ सरासर अन्याय है।उपरोक्त तमाम बातों को गम्भीरतापूर्वक सुनने के उपरांत डा लुईस मरांडी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि इस मामले पर विधानसभा के अंदर भी सवाल आया था। साथ ही मंत्री जी ने आश्वस्त किया कि वे पुनः इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जवाब माँगेंगी एवं अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश देंगी।कांग्रेस ओबीसी के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिनव भगत ने कहा कि इस मामले को लेकर झारखंड पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिर्वित) लोकनाथ प्रसाद को भी पत्र लिखा गया है।
उन्होंने आगे बताया कि जल्द ही राज्य की महामहिम राज्यपाल श्रीमती द्रोपदी मुर्मु से मिलकर उपरोक्त मामले से अवगत कराया जाएगा। यदि आरक्षण रोस्टर को सुधारे बिना जेपीएससी इसकी नियुक्ति परीक्षा कराने का प्रयास करेगी तो पार्टी राज्य सरकार व जेपीएससी के ख़िलाफ़ आंदोलन करने को मजबूर होगी। प्रतिनिधिमंडल में रोहन ठाकुर, गणेश प्रसाद, बबलू कुमार सिंह एवं चंदन कुमार शामिल थे।