News Agency : पीएम नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बिहार में दो बड़ी सभाएं होंगी। दिन में 11 बजे मोदी अररिया के फारबिसगंज में और राहुल उसी समय सुपौल में अपने प्रत्याशियों के समर्थन में मोर्चा संभालेंगे।23 को कोसी की तीन सीटों अररिया, सुपौल और मधेपुरा में मतदान होना है। दोनों की नजर यहां के करीब 50 लाख वोटरों पर है। मोदी की सभा से अररिया का हिन्दू वोट बैंक एकजुट हो सकता है। इस इलाके में चार साल से हिन्दुत्व के लिए भूमिका तैयार कर दी गई है। इस बार फारबिसगंज में रामनवमी पर निकली 6 किमी शोभायात्रा और उसमें उमड़ी भीड़ से इसे समझा जा सकता है। अररिया में 44 फीसदी आबादी मुस्लिम है।
ऐसे में भाजपा प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह ध्रुवीकरण से ही ये सीट निकाल सकते हैं। मोदी की सभा फारबिसगंज में इसलिए रखी गई है क्योंकि यहां से सुपौल और मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र लगा हुआ ही है। यहां का असर इन दो सीटों पर भी पड़ता है। सुपौल की राहुल गांधी की सभा से गठबंधन में राजद और कांग्रेस के बीच खींचतान बढ़ेगी लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी को नई ऊर्जा का संचार होगा। साथ ही राहुल मतदाताओं में यह संदेश भी देंगे कि बिहार में कांग्रेस मजबूत हो रही है इसलिए वे राजद की आपत्ति के बाद भी यहां सभा कर रहे हैं। आरजेडी गठबंधन धर्म का हवाला देकर कांग्रेस पर लगातार दबाव बना रही थी कि सुपौल की कांग्रेस प्रत्याशी रंजीता रंजन के पक्ष में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता सभा नहीं करेे। क्योंकि रंजीता के पति पप्पू यादव महागठबंधन प्रत्याशी के खिलाफ मधेपुरा से लड़ रहे हैं।