सहरसा. कोसी नदी में अधिक जल वृद्धि के बाद पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर के सात पंचायतों के करीब दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लोग ऊंचे स्थान पर जाने लगे हैं। अंचल प्रशासन द्वारा कोसी नदी में 5 सरकारी नाव चलाई जा रही है। इसके बावजूद लोगों को बाहर निकालने के लिए नाव कम पड़ रही है। सीओ अबू अफसर ने बताया कि आवश्यकतानुसार नावों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इधर, बाढ़ मॉनीटरिंग सेल के अनुसार 12 जुलाई को सुपौल के बसुआ व खगड़िया के बलतारा में 0.97 और 0.43 जल स्तर खतरे के निशान से नीचे है।
बता दें कि पूर्वी व पश्चिमी तटबंध के बीच सात पंचायतों में हाटी, केदली, छतवन, रामपुर, पहाड़पुर, शाहपुर चाही, महुआ, परताहा, मुरली, देवका, एराजी कटवार, रसलपुर, नौला, गोविंदपुर, बरहरा, शीतली, रामनगर, नारायणपुर व सत्तौर में बाढ़ का पानी घुस गया है, जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त है। लोगों को एक घर से दूसरे घर जाने में भी परेशानियां हाे रहीं हैं। तटबंध के अंदर 7 पंचायतों में केदली पंचायत सबसे अधिक प्रभावित है, जहां लोगों के आंगन तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। केदली निवासी शुभंकर यादव ने बताया कि 3 दिन पहले कोसी के कटाव से विस्थापित होकर ऊंचे स्थान पर शरण लिया, लेकिन नदी में हो रहे लगातार जल वृद्धि के कारण अब यहां से भी घर-बार समेटकर ऊंचे स्थान पर जाना मजबूरी हो गई है।
इन जगहों पर चल रहे चलंत औषधालय
उच्च विद्यालय नवहट्टा, अस्थाई उपचार केंद्र में स्वास्थ्य उप केंद्र शाहपुर पंचायत भवन, मध्य विद्यालय नवहट्टा, मध्य विद्यालय जोड़ी, आश्रय स्थल केन्द्र कासिमपुर, मध्य विद्यालय एकाढ़, उच्च विद्यालय मुरादपुर, प्राथमिक विद्यालय डुमरा, अस्थायी उपचार केंद्र बराही चलंत औषधालय है।
कोसी नदी में जल वृद्धि की स्थिति
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। शनिवार रात 8 बजे कोसी बराज से 3 लाख 47 हजार 570 क्यूसेक बढ़ते क्रम और बराह क्षेत्र से 2 लाख 58 हजार 600 क्यूसेक जल उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।