लोकसभा 2019 के चुनावों की तारीख जैसे-जैसे पास आ रही है, वैसे-वैसे नेताओं में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला भी तेज होता जा रहा है। शुक्रवार को कांग्रेस ने भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कर्नाटक का मुख्यमंत्री रहने के दौरान भाजपा के बड़े नेताओं को 1800 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। भाजपा ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों को खारिज किया है। विज्ञापन
बीएस येदियुरप्पा ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें विपक्ष के पूरी तरह से बकवास, घृणित और हताश करने वाले प्रयास बताए हैं। उन्होंने मानहानि का केस भी करने की धमकी दी है। उन्होंने डायरी को भी फर्जी बताया है। येदियुरप्पा ने कहा, ‘जितनी जल्दी हो सके इस आरोप को साबित करो या फिर मानहानि का सामना करने के लिए तैयार हो जाओ।’
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी और उसके नेता मु्द्दों और विचारों से दिवालिया हो गए हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों ने पहले ही इस मामले की जांच की है और पाया कि यह दस्तावेज, हस्ताक्षर और हस्तलिखित नोट फर्जी थे।’ केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने इस मामले पर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस की यह कोशिश सैम पित्रोदा के बयान से लोगों का ध्यान भटकाने की है, जिन्होंने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे।
प्रसाद ने कहा, ‘विपक्षी दल हताश है क्योंकि उसके कई प्रमुख नेता जमानत पर हैं और उसने उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ झूठ का जाल बुनने का सहारा लिया है।’ इससे पहले येदियुरप्पा पर आरोप लगाते हुए रणदीप सुरजेवाला ने मामले की जांच नवनियुक्त लोकपाल के जरिए करवाने की मांग की थी। उनका कहना है कि यह लोकपाल के द्वारा जांच किए जाने के लिए सही केस है क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार के आरोप उन लोगों पर लगे हैं जो पिछले पांच सालों से सरकार चला रहे हैं।
सुरजेवाला ने येदियुरप्पा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और नितिन गडकरी को रिश्वत दी थी। सुरजेवाला ने कहा, ‘यह सच है या झूठ? आयकर विभाग के पास 2017 से येदियुरप्पा के हस्ताक्षर वाली डायरी है। अगर ये सच है तो मोदी जी और भाजपा ने इसकी जांच क्यों नहीं करवाई।