रिपोर्ट- अविनाश मंडल
पाकुड़: पाकुड़ जिले हिरणपुर प्रखण्ड डांगापाड़ा पंचायत के शामपुर गांव में संविधान की धारा 275 (1) के तहत बिगत तकरीबन 10 वर्ष पूर्व पहाड़िया कल्याण कार्यालय पाकुड़ द्वारा CFC सेंटेर के नाम ₹ 22.00 लाख के लगत से किसी अधिकृत संवेदक के द्वारा अर्ध निर्मित भवन लावारिश बनकर पड़ा हुआ है,इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है, एसा हो भी क्यों नहीं। क्योंकि पहाड़िया के गांव का है, पहाड़िया से क्या लेना देना,भवन बने चाहे बिगड़े किसी का ध्यान ही नहीं रहा या पहाड़िया विकास से जुड़ा हुआ मसला है छोड़ दो यही है कहनी। लेकिन सरकार का उददेश्य रहा होगा कि भवन के बनने से आदिम जनजाति पहाड़िया गांव में सामाजिक कार्यक्रमों में मददगार और सहायक होगा। लेकिन विभाग के अधिकारी और अधिकृत संवेदक दोनों हीं निंद की गहराई में डुबे हुए है। सरकार का उददेश्य को और ग्रामीण लभुकों को ठेंगा दिखा दिया और विभागीय अधिकारी का मौन किस ओर इशारा कर रहा है सब को समझ आ रहा है। शामपुर पहाड़िया गांव के लोगों को क्या मिला कौन सा गलती हुआ जिसे उस गांव के लोग उस लाभ से बंचित हो गये हैं। इस। भवन लाभ का कितने समय तक मिल पायेगा इसका इन्तजार रहेगा।
अर्ध निर्मित भवन का भौतिक जाँच कर पुर्ण करने की दिशा में पहल किया जाना चाहिए, ताकि भवन पुर्ण हो जिससे सरकार का उददेश्य की पूर्ति हो और शामपुर पहाड़िया ग्रामीणों को भवन का लाभ मिले।