चुनावी मौसम आते ही एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धुआंधार रैलियां और सभाएं शुरू हो गई हैं. इसी कड़ी में कल वर्धा के स्वावलंबी मैदान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली हुई, लेकिन इस रैली ने कई लोगों के मन में प्रधानमंत्री की लोकप्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
दरअसल, वर्धा में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में पिछले बार की तुलना में इस बार बेहद कम भीड़ आई. ऐसे में यह सवाल उठाना लाजमी है कि क्या 2014 के मुकाबले 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता क्या कम हुई है.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के वर्धा से ही महाराष्ट्र में चुनावी प्रचार की शुरुआत की थी.
उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में इस कदर भीड़ उमड़ी थी कि 18 एकड़ में फैला स्वावलंबी मैदान पूरी तरह भर गया था. यहां तक कि मैदान के बाहर और छतों पर लोग खड़े होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुन रहे थे.
लेकिन इस बार की सभा में स्वावलंबी मैदान आधे से ज्यादा खाली रहा. केवल आधे से भी कम हिस्सा भर पाया. कुर्सियां खाली थीं. बीजेपी नेता भीड़ को जुटाने की कोशिश में सुबह से ही लगे रहे, लेकिन लोग नहीं पहुंचे.
बीजेपी नेताओं का कहना है कि वर्धा में भीषण गर्मी पड़ रही है. शायद इसी वजह से भीड़ कम आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कम होने का सवाल ही नहीं उठता. पिछले बार बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन में चुनाव जीता था. इस बार भी हम चुनाव जीतेंगे.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के दौरान मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस समेत महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री और बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद थे.