शिकारीपाड़ा मे धूमधाम से की गई विश्वकर्मा भगवान की पूजा अर्चना
शिकारीपाड़ा/दुमका:शिकारीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र के शिकारीपाड़ा, महुल पहाड़ी, बरमासिया, पत्ताबाड़ी, पलासी, इत्यादि विभिन्न ग्रामो में धूमधाम से शिल्पीकार भगवान विश्वकर्मा की धूमधाम हर्षोल्लास पूरी विधि विधान के साथ की गई पूजा अर्चना। शिकारीपाड़ा के मुख्य बाजार स्थित टैक्सी स्टैंड में भी सभी टैक्सी मालिकों ने एवम महामाया गैराज मे भी विश्वकर्मा भगवान की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना किये। वहीँ अन्य लोग भी अपने-अपने मशीनरी समान वाहन को अच्छे से साफ सुथरा कर पूजा अर्चना किये।
विश्वकर्मा को हिन्दू धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों के अनुसार निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सोने की लंका का निर्माण इन्होंने ही किया था। भारतीय संस्कृति और पुराणों में भगवान विश्वकर्मा को यंत्रों का अधिष्ठाता और देवता माना गया है। उन्हें हिन्दू संस्कृति में यंत्रों का देव माना जाता है। विश्वकर्मा ने मानव को सुख-सुविधाएँ प्रदान करने के लिए अनेक यंत्रों व शक्ति संपन्न भौतिक साधनों का निर्माण किया। इनके द्वारा मानव समाज भौतिक चरमोत्कर्ष को प्राप्त करता रहा है। प्राचीन शास्त्रों में वैमानकीय विद्या, नवविद्या, यंत्र निर्माण विद्या आदि का भगवान विश्वकर्मा ने उपदेश दिया है। माना जाता है कि प्राचीन समय में स्वर्ग लोक, लंका, द्वारिका और हस्तिनापुर जैसे नगरों के निर्माणकर्ता भी विश्वकर्मा ही थे।