शुद्ध जल खुद में एक चिकित्सा भी है, इसलिए जल संरक्षण आवश्यक : डॉ मुनीष गोविंद
हजारीबाग। आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है, जिसे लेकर आईसेक्ट विश्वविद्यालय में आईक्यूएसी के तहत विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई की ओर से विश्व पर्यावरण जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इसी के तहत शनिवार को तरबा-खरबा स्थित विश्वविद्यालय के मुख्य कैंपस सभागार में कुलपति डॉ पीके नायक व कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद की मौजूदगी में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं व कर्मियों को पर्यावरण को बचाने को लेकर आवश्यक कदम उठाने, प्रतिकूल आदतों में बदलाव लाकर अनुकूल व्यवहार अपनाने को लेकर शपथ दिलाई गई।
विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने इस दौरान पेंटिंग के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण का भी संदेश दिया। मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण देश के हर नागरिक का नैतिक कर्तव्य है। साथ ही जल संरक्षण के मद्देनजर उन्होंने कहा कि पीने से लेकर सफाई और अन्य उद्देश्यों के लिए, पानी के बिना जीवन कायम नहीं रह सकता है।
ऐसे में जल संरक्षण आवश्यक है। वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने प्रकृति को बचाना और अधिक से अधिक पेड़ लगाना सभी मानव का आत्मिक कर्तव्य बताया। साथ ही जल संरक्षण की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि शुद्ध जल केवल प्यास ही नहीं मिटाता अपितु यह स्वयं में एक चिकित्सा भी है। क्योंकि जल का सीधा प्रभाव स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इसलिए जल संरक्षण आवश्यक है, ताकि स्वस्थ जीवन के साथ साथ आने वाली पीढ़ियों को भी जल समस्या से बचाया जा सके।
उन्होंने सभी सीमित संसाधनों का ज़िक्र करते हुए उनके बेवजह प्रयोग ना करने की लोगों को सलाह दी। डीन एडमिन डॉ एसआर रथ, डीन डॉ बिनोद कुमार, डॉ अरविंद कुमार, एसएनके उपाध्याय सहित अन्य ने भी पर्यावरण के साथ साथ जल संरक्षण को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। कार्यक्रम को सफल बनाने में विश्वविद्यालय एनएसएस अधिकारी डॉ रूद्र नारायण, प्रीति व्यास, परफॉर्मिंग आर्ट्स की एचओडी एकता कुमारी, अमित कुमार, राजेश कुमार सहित अन्य का अहम योगदान रहा।
वहीं जल संरक्षण को लेकर पेंटिंग बनाने वाले विद्यार्थियों में रोहित कुमार भारती, पूनम मुर्मू, पल्लवी राणा, किरण कुमारी, मंजू कुमारी, शैली सुमन, नेहा कुमारी, गोपी कृष्णा व कृष्णा दांगी के नाम शामिल हैं।