इटखोरी का एकमात्र बक्सा डैम सूखने के कगार पर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

 संतोष कुमार दास 

इटखोरी, (चतरा): इटखोरी प्रखंड का इकलौता कभी ना सूखने वाला बक्सा जलाशय पर भी इस वर्ष भीषण गर्मी का भारी असर पड़ा है। जलाशय की स्थिति ऐसी हो गई है कि वह सूखने के कगार पर पहुंच गया है। इस जलाशय के अब सिर्फ पेटी में हीं पानी बचा हुआ है। बक्सा जलाशय का पानी सूखने के कारण इटखोरी एवं चौपारण प्रखंड के लगभग 50 से 60 गांव के किसान काफी चिंतित हैं। चुकी इन गांवों के किसान इस जलाशय पर निर्भर रहते हैं। इस गर्मी में इन गांवों के कई हेक्टेयर भूमि में लगे गर्मा फसल की सिंचाई बाधित हो गई है। 

इस जलाशय से अब सिर्फ बरसाती फसलों को पानी दिया जाता है। पूछे जाने पर डैम के कर्मचारियों ने बताया कि बारिश कम होने के कारण पिछले डेढ़ माह से इस जलाशय से पानी किसानों के खेतों तक नहीं दी जा रही है। धान की खेती के समय नहर खोलकर इन किसानों को पानी दिया जाएगा। बता दे कि इस डैम का निर्माण कार्य लगभग 1971-72 में शुरू हुआ था। जिसका पूर्ण तरीके से निर्माण कार्य लगभग 1976-77 वर्ष में हुआ था। इसके बाद लगातार कई वर्षों तक इन गांवों के किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी दिया गया। फिर बारिश कम होने लगी और किसानों के खेतों में पानी की मात्रा कम कर दी गई।

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