पटना के मोकामा बालिका गृह से शनिवार की सुबह लापता हुईं सात लड़कियों में से छह तो दरभंगा में पहले ही मिल चुकीं थीं, अब सातवीं लड़की को भी पुलिस ने खोज लिया है। पुलिस की विशेष टीम (एसआइटी) ने उसे बिहार के मधुबनी में देर रात बरामद किया। इन लड़कियाें में पांच मुजफ्फरपुर बालिका गृह से हटाकर मोकामा के बालिका गृह में रखी गईं थीं। देर रात बरामद सातवीं लड़की मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन हिंसा कांड की अहम गवाह भी है। उसने ही यह राज खोला था कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में कई नेता व अधिकारी गंदे इरादे से जाते थे।
मिली जानकारी के अनुसार बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन हिंसा कांड की अहम गवाहों में शामिल एक लापता लड़की को पुलिस ने मधुबनी से बरामद कर लिया। पटना की एसएसपी गरिमा मलिक द्वारा एएसपी लिपि सिंह के नेतृत्व में गठित एसआइटी ने मोकामा के बालिका गृह से लापता सातवीं लड़की को मधुबनी जिले के जयनगर क्षेत्र से बरामद किया। लड़की के पास एक हजार रुपये मिले हैं। लड़की का पता मोबाइल कॉड डिटेल के आधार पर की गई जांच से लगाया गया।
अब पुलिस घटना के मास्टरमाइंड की तलाश में है। एसएसपी गरिमा मलिक व एएसपी लिपी सिंह बरामद लड़की तथा तीन लड़कों से पूछताछ कर रहीं हैं। एएसपी लिपी सिंह ने बताया कि बताया कि पुलिस पूछताछ चल रही है।
यह लड़की मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुए महापाप की मुख्य गवाह है और उसी के बयान पर ब्रजेश ठाकुर के काले कारनामे दुनिया के सामने आए थे। मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौन हिंसा के दौर में यह लड़की वहीं थी। उसने बताया था कि ब्रजेश लड़कियों के साथ कैसी बर्बरता करता था। उसने मुजफ्फरपुर बालिका गृह में आने वाले नेताओं व अन्य सफेदपोशों को भी बेनकाब किया था। उसने बताया था कि बालिका गृह में बड़े नेता और अधिकारी गंदे इरादे से जाते थे।
मोकामा बालिका गृह से लड़कियाें के भागने को लेकर पूरा प्रशासन सकते में था। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की मॉनीटरिंग सुप्रीम कोर्ट कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही यह मुकदमा बिहार से दिल्ली के साकेत कोर्ट में स्थानांतरित किया गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रूख सख्त है। इस कारण मुकदमे की पांच अहम गवाहों के लापता हो जाने तथा उनमें एक के बीती रात तक बरामद नहीं किए जा सकने के कारण पुलिस व प्रयाासन में हड़कम्प मचा था।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी बालिका गृहों की सुरक्षा मजबूत करने का निर्देश दिया था। मगर समीक्षा के दौरान पाया गया कि रात्रि सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी की गई।
बालिका गृह से लड़कियों के लापता होने के संबंध में बताया गया कि वे मुख्य गेट से फरार हो गईं थीं। लेकिन कड़ी सुरक्षा के बीच वे मुख्य गेट से कैसे बाहर निकलीं, यह बड़ा सवाल है। माना जा रहा है कि उनकी फरारी किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है। आरोप है कि वे उन्हें जान-बूझकर भगाया गया था। लड़कियों को भगाने में मोकामा के बालिका गहृ के कर्मियों की संलिप्तता का भी संदेह है।
बालिका गृह से भागीं सभी सात लड़कियां मोकामा स्टेशन गईं। फिर वहां से छह लड़कियां दरभंगा पहुंचीं। वहां वे तो मिल गईं, लेकिन बंगाल के दिनाजपुर की रहने वाली सातवीं लड़की नहीं मिली, जो एक युवक के साथ मोकामा से दूसरी ट्रेन से रवाना हुई थी। बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि पुलिस की कई टीमें सातवीं लड़की को दिल्ली, कोलकाता व उत्तर प्रदेश सहित अन्य जगहों पर खोज रहीं थीं। अंतत: मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर उसे मधुबनी में पकड़ लिया गया। वह कुछ लड़कों से मोबाइल पर संपर्क में थसी। इससे सुराग मिला।