विशेष संवाददाता द्वारा
रांची: झारखंड के जिला अस्पतालों बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला अस्पतालों में मरीजों को रद्दी दवाइयां दी गयीं और बच्चों को हेपेटाइटिस-बी की एक्सपायर्ड वैक्सीन लगायी गयी. ऑडिट में ये तथ्य रामगढ़ और देवघर के जिला अस्पतालों में उजागर हुए. विभाग ने गड़बड़ी के इन मामलों में महालेखाकार द्वारा उठाये गये बिंदुओं का जवाब ही नहीं दिया
इधर झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने आज कांग्रेस भवन, रॉंची में संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि झारखण्ड के प्रधान महालेखाकार द्वारा जारी 2014 से 2019 के कैग रिपोर्ट ने तत्कालीन रघुवर सरकार के कार्यकाल में राज्य में ध्वस्त चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।
श्री सिन्हा ने कहा कि जिस प्रकार कैग के रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि रघुवर दास की सरकार में नौनिहालों को हेपाटाईटिस्ट से बचाने के लिए एक्सपायरी वैक्सीन दे दी गयी, वहीं जानकारी मिलने के बावजूद भी नकली और घटिया दवाईयॉं गरीबों बीमार मरीजों को खिला दी गयी। राज्य की गरीब बीमार जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाली तत्कालीन रघुवर सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रामचन्द्र चन्द्रवंशी और रघुवर दास पर हत्या के षडयंत्र का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं दो लाख एंटी-बायोटिक दवाईयां बिना लैब टेस्टिंग किए गरीबों के बीच आपूर्तिकर्ता ने बांट दी और हैरत की बात यह है कि झारखण्ड मेडिकल एण्ड हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एण्ड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने नियम को ताक पर रखकर दवाई आपूर्ति कम्पनी को भुगतान भी कर दिया-इसकी भी उच्च स्तरीय जांच करायी जाय, जिससे रघुवर शासनकाल में चरम पर जो भ्रष्टाचार था, वह जनता के समक्ष आ सके।
श्री सिन्हा ने कहा कि रघुवर सरकार में स्वास्थ्य की स्थिति यह थी कि नूमना जांचित जिला अस्पतालों में क्रियाशी उपकरण, उपभोग्य सामग्रियों और मानव संसाधनों की उपलब्धता के मामले में रेडियालॉजिकल और पैथोलॉजिकल दोनों निदानकारी सेवाएं शून्य थी। अधिकांश जिला अस्पतालों में एक्स-रे मशीनों की अपेक्षित रेंज नहीं थी।
श्री सिन्हा ने कहा कि देवघर, हजारीबाग, पलामू में लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस दर अधिक थी, जो दर्शाता है कि इन अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता खराब थी। जबकि स्वास्थ्य मंत्री स्वयं पलामू जिला से आते थे।
उन्होंने कहा कि रघुवर शासनकाल के दौरान स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गयी यह एक बड़ा घोटाला है। इसके अतिरिक्त अन्य विभागों में इस तरह के कारनामों होते रहें है, जिसकी जांच भी चल रही है।