मुखिया का जाति प्रमाणपत्र हुआ रद्द, अब मुखिया का पद भी खतरे में

कतरास : जमुआ 4 पंचायत के मुखिया अर्जुन भुइँया का जाति प्रमाण पत्र को सरकार ने रद्द करते हुए आगे की कार्रवाई हेतु सम्बंधित विभाग व संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। बता दे कि जमुआ 4 अंबेडकर नगर के अपीलकर्ता संजय दास द्वारा दिनाँक 11 अक्टूबर 2022 को अध्यक्ष जाति छानबीन समिति सह सचिव अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग झारखंड, राँची के समक्ष आरोप पत्र दाखिल कर बताया गया बाघमारा अंचल के जमुआ ग्राम पंचायत त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षित मुखिया पद के उम्मीदवार अर्जुन भुइँया द्वारा जाति प्रमाण पत्र विधि के तहत नहीं बनाया गया है। आरोप में बताया गया था कि अर्जुन भुइँया पिता विशुन भुइँया झारखंड राज्य का स्थाई निवासी नहीं है बल्कि वह बिहार के नवादा जिले से तालुकात रखते है। जाति छानबीन समिति में वर्षों तक चली जाँच पड़ताल के पश्चात अंततः कृपा नंद झा, सरकार के सचिव एवं अध्यक्ष जाति छानबीन समिति ने जमुआ पंचायत के मुखिया अर्जुन भुइँया का जाति प्रमाणपत्र को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। साथ ही आदेश की प्रतिलिपि धनबाद उपायुक्त, हाइकोर्ट के महाधिवक्ता इंद्रनील भादुड़ी, मुखिया अर्जुन भुइँया जमुआ तथा शिकायतकर्ता संजय दास जमुआ को भी भेज दिया है। *पूर्व अंचल अधिकारी के समक्ष हुई थी शिकायत लेकिन नही हुई कार्रवाई* शिकायतकर्ता संजय दास ने बताया कि बाघमारा के तत्कालीन अंचल अधिकारी कमल किशोर सिंह के कार्यकाल के दौरान मामले की शिकायत की गई थी। लेकिन उन्होंने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं किया। लेकिन उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा, जिसका परिणाम आज सबके सामने है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि झूठ एक न एक दिन सामने आ ही जाता है। सच को चाहे कितना भी संघर्ष क्यों न करना पड़े अंत में जीत सच की ही होती है। *अब मुखिया का पद भी खतरे में* बता दे कि इस कार्रवाई से जहां सरकार को ठेंगा दिखाकर फर्जीवाड़ा करने वालों में हड़कंप मचा है वहीं अब मुखिया का पद भी खतरे में दिखाई पड़ रहा है। ऐसा उम्मीद किया जा रहा है कि जिला प्रशासन व जिला परिषद के द्वारा मुखिया पद को लेकर जल्द ही कोई आदेश जारी किया जा सकता है।

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