जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद सीआरपीएफ इंस्पेक्टर पिंटू के परिजनों से मिलने बिहार सरकार में बीजेपी कोटे से पहुंचे मंत्री को परिजनों के गुस्से का सामना करना पड़ा. पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पटना में रैली के बावजूद किसी नेता के शहीद के घर न पहुंचने से नाराज परिजनों ने उन्हें खरी-खरी सुनाई. परिजनों ने कहा कि यह शहीद का अपमान है. परिजन और गांववाले इस बात से गुस्सा थे कि रैली से पहले आखिर कोई नेता शहीद के घर क्यों नहीं पहुंचा.
बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा सोमवार को जब शहीद के घर पहुंचे तो परिजनों ने कहा कि वक्त पर न पहुंचकर बीजेपी ने शहादत का अपमान किया है. शहीद पिंटू के परिवार वालों ने कहा, “यह कोई काम नहीं है, आप इतनी देर से श्रद्धांजलि देने आए ये शहीद का अपमान है.”
रविवार को भी जब पटना एयरपोर्ट पर पिंटू कुमार का शव पहुंचा तो वहां पर सत्ताधारी दल का कोई नेता मौजूद नहीं था. हालांकि कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं ने एयरपोर्ट पहुंचकर श्रद्धांजलि दी. गांधी मैदान में रैली होने की वजह से बीजेपी के सारे नेता इसी कार्यक्रम में व्यस्त रहे.
सोशल मीडिया में इस मुद्दे को लेकर जेडीयू और बीजेपी की खूब किरकिरी हुई. मामला इतना बढ़ा कि जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को माफी मांगनी पड़ी. प्रशांत किशोर ने कहा कि पार्टी से गलती हुई है. दुख की घड़ी में हमें आपके परिवार के साथ रहना चाहिए था.
बिहार के बेगूसराय के शहीद पिंटू कुपवाड़ा के हंदवाड़ा में 1 मार्च को शहीद हो गए थे. रविवार को उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा, रविवार को ही पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार की रैली थी. तैयारियों में व्यस्त बीजेपी का कोई नेता रविवार को शहीद पिंटू के घर नहीं पहुंचा था. इस वजह से न सिर्फ शहीद के परिवार वालों बल्कि गांव में भी नेताओं के रुख को लेकर बेहद गुस्सा था.