अरुण कुमार चौधरी, झारखंड के जनक तथा देशम गुरू शिबू सोरेन दुमका में हैट्रिक मनाने जा रहे हैं। इस समय देश में किसी भी चुनावी लहर नहीं चल रहा है, इसलिये दुमका सीट सबसे सुरक्षित माना जा रहा है। ऐसे भी दुमका में महागठबंधन एक साथ मिलकर भाजपा को हराने के लिए एकजुट हैं और अब केवल चुनाव के दिन की प्रतिक्षा में आम जनता है। इस चुनाव में खासियत है कि शिबू सोरेन अपने गहन प्रचार में नहीं हैं। इनके बदले में झामुमो तथा जेवीएम के कार्यकर्ता जोश के…
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भाजपा नेताओं के झांसे में नहीं आयेगी जनता: चुन्ना सिंह
विजय सिन्हा,देवघरः सारठ: दुमका लोकसभा से महागठबंधन के प्रत्याशी शिबू सोरेन को रिकार्ड मतों से जिताने के लिए महागठबंधन के विभिन्न घटक दलों के नेताओं ने जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। सोमवार को पूर्व विधायक सह झाविमो नेता चुन्ना सिंह के आवास बामनगामा में झामुमो के केन्द्रीय प्रवक्ता सह दुमका लोकसभा प्रभारी सुप्रियो भट्टाचार्य, पार्टी महासचिव बबलू पांडेय समेत अन्य ने बैठक कर कार्यकर्ताओं को जरूरी टिप्स दिये। वहीं प्रखंड क्षेत्र के बोचबांध, नवादा और पथरड्डा पंचायत के कई गांवों में जनसंपर्क कर लोगों को शिबु सोरेन के पक्ष…
Read Moreशिबू सोरेन के समर्थन में उतरे भूपेन सिंह
विजय सिन्हा,देवघरः सारठ: दुमका लोकसभा से महागठबंधन के साझा प्रत्याशी शिबू सोरेन को पूर्व जिप उपाध्यक्ष परिमल कुमार सिंह उर्फ भुपेन सिंह ने भी अपना समर्थन देने की घोषणा की। विदित हो कि भुपेन सिंह भी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीते कई वर्षो से क्षेत्र का सघन दौरा करते देखे जाते हैं। हलांकि अभी तक उन्होने किसी पार्टी का दामन नहीं थामा है। रविवार को विधानसभा क्षेत्र के सारठ, पालोजोरी व करमाटांड़ प्रखंड से पहूंचे सैकड़ों समर्थकों की बैठक में श्री सिंह ने कहा कि झामुमो सुप्रिमो शिबू सोरेन…
Read Moreझारखंड में तीन आदिवासी, पूर्व मुख्यमंत्री लड़ रहे लोकसभा चुनाव
झारखंड में चार चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार, 2 अप्रैल से जहां नामांकन शुरू हो रहा है। वहीं इस बार के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी किस्मत आजमा रहे हैं। खूंटी, कोडरमा और दुमका लोकसभा सीटों के लिए चुनाव में इस बार क्रमश: अर्जुन मुंडा (भाजपा), बाबूलाल मरांडी (जेवीएम-पी) और शिबू सोरेन (जेएमएम) चुनाव मैदान में ताल ठोकेंगे। खास बात यह है कि तीनों पूर्व मुख्यमंत्री आदिवासी समुदाय से हैं। अर्जुन मुंडा और शिबू सोरेन जहां आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों खूंटी और…
Read Moreशिबू के दबाव पर कांग्रेस ने किया सीटिंग सीटों पर समझौता
राजनीतिक दांव-पेच में झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन का भी कोई जवाब नहीं है। अपने मजबूत जनाधार एवं दांव-पेच के बल पर शिबू कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी के साथ भी अपनी शर्तों पर चुनावी समझौते करते रहे हैं। 2004 लोकसभा चुनाव में कोडरमा एवं राजमहल सीट पर चुनावी तालमेल न होना इसका बड़ा उदाहरण है। सीटिंग सीट होने के बावजूद कांग्रेस को इन दोनों सीटों पर झामुमो के साथ दोस्ताना संघर्ष करना पड़ा था। कोडरमा से तिलकधारी प्रसाद सिंह एवं राजमहल से थामस हांसदा कांग्रेस के सांसद थे। इस दोस्ताना संघर्ष…
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