प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस, जिन्हें नेताजी के नाम से जाना जाता है, की 125वीं जयंती एनटीपीसी कोयला खनन मुख्यालय, रांची में देशभक्ति के उत्साह और कर्मचारियों द्वारा पुष्पांजलि के साथ मनाई गई। इस दिन को ‘पराक्रम दिवस’ (वीरता का दिन) के रूप में मनाया जाता है। मास्किंग और सामाजिक दूरी के साथ कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि श्री अमित कुमार दुबे, महाप्रबंधक (सुरक्षा) द्वारा सुभाष चंद्र बोस के तसवीर पर माल्यार्पण के साथ हुई, जिसके बाद श्री अलोइस टोपनो, महाप्रबंधक (एचआर) की उपस्थिति में वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई। श्री दुबे ने इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (कोयला खनन), श्री पार्थ मजूमदार का संदेश पढ़ा। संदेश में कहा गया है कि आजादी का अमृत महस्तोव के तत्वावधान में “नेताजी” की 125 वीं जयंती के सप्ताह भर चलने वाले उत्सव के दौरान एनटीपीसी कोयला खनन मुख्यालय और कोयला खनन परियोजनाओं में कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की योजना बनाई गयी ,बच्चों सहित कर्मचारियों और परिवार के सदस्यों द्वारा कार्यक्रम में बड़ी भागीदारी को देखना बहुत उत्साहजनक है। नेताजी पर बोलने वाले संदेश ने साझा किया कि देश की स्वतंत्रता के प्रति उनका बलिदान और समर्पण अद्वितीय है, वे एक मेधावी छात्र थे, यहां तक कि उन्होंने भारतीय सिविल सेवा में भी योग्यता प्राप्त की, लेकिन उन्होंने फैसला किया कि मातृभूमि और देशवासियों की सेवा करना है। नेताजी विदेश से भारत वापस आए और अपना पूरा जीवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित कर दिया। वह सत्य, न्याय और स्वतंत्रता के पक्षधर थे और राष्ट्र के आदर्श नागरिक बनने के लिए…
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