गांव-देहातों में बड़े-बुजुर्ग कहा करते थे तिल संकरात (मकर संक्रांति) के बाद मौसम बदलने लगता है। तिल-तिलकर (धीरे-धीरे) गर्मी बढऩे लगती है। बड़े बुजुर्गों की मान्यता अपनी जगह, इस दफे मकर संक्रांति के बाद राजनीति तापमान में बहुत तेज वृद्धि के आसार बन हैं। यह महज संयोग ही है कि ढ़ाई महीने बाद जब संसदीय चुनाव होगा तब मौसम पूरी तरह ‘आम’ का हो जाएगा। दूधिया मालदह और जर्दालू के लिए मशहूर जिले के आम उत्पादक अभी से अपने पेड़ों में मंजरों के निकलने की प्रतीक्षा में हैं। वे मंजर…
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