गांगेय डॉल्फिन को लेकर सुशील मोदी ने लगाया मरहम

गांगेय डॉल्फिन को लेकर सुशील मोदी ने लगाया मरहम

News Agency : सारण से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने आज सोमवार को लोकसभा में अपने ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए. रूडी ने केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया कि इको टूरिज्म को लेकर बिहार की अनदेखी की जा रही है. जिसके बाद बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने इको टूरिज्म को लेकर एक प्रेस रिलीज जारी किया है. उन्होंने कहा है कि अक्टूबर में राष्ट्रीय डाल्फिन शोध संस्थान का शिलान्यास हो जाएगा.बिहार विधान परिषद में विभागवार बजट पर चर्चा के बाद पर्यावरण, वन एंव जलवायु परिर्वतन विभाग के मंत्री के तौर पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, वायु प्रदूषण व अवशिष्ट प्रबंधन को राज्य सरकार ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है.उन्होंने कहा कि इस साल अक्तूबर में विश्व डाॅल्फिन डे के अवसर पर पटना विवि परिसर में 19.16 करोड़ की लागत से ‘राष्ट्रीय डाॅल्फिन शोध संस्थान’ की स्थापना की जायेगी. हाल में कराए गए एक सर्वेक्षण में गंगा, गंडक, कोसी और महानन्दा में 1548 गांगेय डाॅल्फिन (सोंस) पाए गए हैं. 2010 में ही डाॅल्फिन को राष्ट्रीय जल जीव घोषित किया जा चुका है.सुशील मोदी ने कहा कि सुल्तानगंज-कहलगांव के बीच गंगा नदी क्षेत्र में विक्रमशिला डाॅल्फिन आश्रयणी बनाया जा रहा है. सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल के बीच आॅब्जर्वेटरी के माध्यम ये दर्शक डाॅल्फिन के उछल-कूद को देख सकेंगे.बता दें कि लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान राजीव प्रताप रूडी ने अपने ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इको टूरिज्म के लिए केंद्र सरकार ने एक पैसा भी बिहार को नहीं दिया है.रूडी ने कहा ‘तीन साल से लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हर बार कोई न कोई नया नियम, कानून बताकर उन्हें घुमा दिया जाता है.’ उन्होंने कि गंगा और गंडक नदी में डॉल्फिन पाई जाती है. जो एक दुर्लभ जंतु है. डॉल्फिन को देखने हम विदेश जाते हैं लेकिन बिहार के सारण में पाए जाने वाले डॉल्फिन को लेकर कुछ नहीं कर रहे हैं.

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