राफेल मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. तय प्रक्रिया के मुताबिक मामले में पहले फैसला दे चुके 3 जज, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, संजय किशन कौल और के एम जोसफ ही मामला सुनेंगे. पिछले हफ्ते तीनों जजों ने पुनर्विचार याचिकाओं को देखने के बाद ये तय किया था कि मामले पर खुली अदालत में सुनवाई होगी.
फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के सौदे को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. 14 दिसंबर को दिए फैसले में कोर्ट ने माना था कि सौदा देशहित में है. इसमें किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई. इसी के खिलाफ याचिकाकर्ता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की है.
इन याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार ने सौदे के बारे में सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को जो जानकारी दी थी, उसमें गलत तथ्य थे. उनके आधार पर कोर्ट ने जो निष्कर्ष निकाला वो भी गलत था. केंद्र सरकार की भी एक अर्ज़ी कोर्ट में लंबित है. सरकार ने कोर्ट से दरख्वास्त की है कि कैग की रिपोर्ट संसद में रखे जाने को लेकर दर्ज वाक्य में बदलाव किया जाए. फैसले में कोर्ट ने लिखा था कि रिपोर्ट संसद में रख दी गई है. सरकार का कहना है कि तब रिपोर्ट संसद में नहीं रखी गई थी.
सीलबंद लिफाफे में सरकार ने ये बताया था कि प्रक्रिया के मुताबिक रिपोर्ट संसद में रखी जाती है. लेकिन कोर्ट ने फैसले में लिख दिया कि रिपोर्ट पेश की जा चुकी है. कोर्ट इस पर भी विचार करेगा. पुनर्विचार याचिकाओं के अलावा यशवंत सिन्हा, प्रशांत भूषण और अरुण शौरी ने एक और याचिका दायर की है.
तीनों ने दावा किया है कि सरकार ने सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को जो जानकारी दी थी, वो गलत थी. प्रधानमंत्री कार्यालय ने मामले में सीधे दखल देकर तय प्रक्रिया के खिलाफ काम किया. लेकिन इसकी जानकारी कोर्ट से छिपाई गई. कोर्ट को झूठी जानकारी देने के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो. ये अर्ज़ी भी सुनवाई के लिए कोर्ट में लगी है.