45 करोड़ लागत के केंद्रीय प्रायोजित आवासीय नवोदय विद्यालय घोर अनियमितता का खुलासा

सुस्मित तिवारी

हिरणपुर (पाकुड़) प्रखंड अंतर्गत बागशिसा पंचायत के बागशिसा गांव में बन रहे लगभग 45 करोड़ लागत के केंद्रीय प्रायोजित आवासीय नवोदय विद्यालय घोर अनियमितता का खुलासा जिला परिषद अध्यक्ष जुलीकृस्ट हेम्बरम ने बुधवार को निरीक्षण के उपरांत की।ग्रामीणों की शिकायत पर औचक निरीक्षण में निर्माणाधीन अवासिय नवोदय विद्यालय में पहुंची निर्माण कार्य देखने गई जहां कई अनियमितता ही नहीं घटिया निर्माण को लेकर विभागीय एवं उपायुक्त पाकुड़ से शिकायत करने की बात कही।मालूम हो कि लगभग 45 करोड़ लागत से बनने वाले उक्त विद्यालय का निर्माण मैसर्स राजेश्वर रांची के द्वारा किया जा रहा है, जिसमें अब तक आधा से अधिक का निर्माण होने के बावजूद भी निर्माण से संबंधित कोई सूचना बोर्ड तक नहीं लगा पाया गया, यहां तक की स्थानीय लोगों ने मजदूरी ना देने की भी शिकायत किए एक तो सूखाग्रस्त का दंश ग्रामीण झेल रहे हैं, उस पर गांव में काम करोडों का लागत से चलने के बावजूद ग्रामीणों को रोजगार न मिलना अपने आप में कंपनी के द्वारा ग्रामीणों को दरकिनार कर अपना स्वार्थ सिद्ध करना ही दर्शाता है, हालांकि कंपनी के इंजीनियर सह साइड इंचार्ज आरपी सिंह ने जिला परिषद अध्यक्ष के फटकार के बाद ग्रामीणों को काम देने का आश्वासन दीया है। ज्ञात हो कि विद्यालय निर्माण कार्य पूर्ण कर 23 जुलाई 2023 को विभाग को हैंड ओवर करना है। फिर भी सूचना बोर्ड तक ना लगा रहना अपने आप में अनियमितता को उजागर करता है।निरीक्षण के क्रम में विद्यालय के निर्माण कार्य में बालू ,ईटा, सरिया का जहां घटिया एवं मानक साईज से कम या नहीं जहां 16 एमएम का सरिया देना है वहां 10 एमएम का उपयोग मिक्स कर किया गया है, वही छत के ढलाई में उभब खबर प्रथम दृष्ट्या हि बालक आवास मैं देखने को मिलता है, ग्रामीणों ने बालक आवास के सिडीं का एक बार टूटने का भी बात कही एवं बरसात में छत चुने का भी शिकायत जिला परिषद अध्यक्ष से किए, वहीं चार दिवारी निर्माण में उपयोग किए गए ईटा एक ही बरसात में गलकर टूटने का स्थान को भी ग्रामीणों ने जिला परिषद अध्यक्ष को दिखाया।*क्या कहती है जिला परिषद अध्यक्ष जूलीकृस्ट हेम्बरम*अध्यक्ष हेम्बरम कहती है, निर्माण कार्य देखकर संतुष्टि नहीं मिली है, इन्होंने कहि निर्माण कार्य बहुत ही घटिया तरीके से हो रहा है, गलत गलत सामानों का यूज़ हुआ है, पूछे जाने पर उन्होंने कहीं निरीक्षण में मैंने पाया कि प्राक्कलन का बोर्ड आधा काम समाप्त होने के बावजूद प्राक्कलन का बोर्ड लगाया नहीं गया है, वही बालू भी कीचड़ युक्त बालू का उपयोग करते देखा गया, ईटा भी घटिया प्रयोग किया गया है और भवन का ढलाई भी उबड़ खाबड़ किया गया है, उन्होंने बतायी की गांव वालों ने ही शिकायत किया है की बालक आवास का सींडी निर्माण कर के बाद ही एक बार ढह गया था, जिसे दोबारा ढलाई किया गया।इन्होंने कही निर्माण कार्य देखकर संतोष नहीं हुआ है, श्रीमती हेम्बरम ने कही बड़े-बड़े पिलर में जहां 16 एमएम का सरिया लगना चाहिए वहां बहुत तरह का सरिया मिलाकर लगाया गया है जिसमें 10 एमएम भी शामिल है। इन्होंने कहीं उक्त अनियमितता के लिए संबंधित विभाग एवं पाकुड़ उपायुक्त से शिकायत करूंगी।

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