चकाई/संवाददाता
चकाई:स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी अंतर्गत संचालित एसबीआई फाउंडेशन की मदद से बिहार झारखंड की प्रमुख स्वयंसेवी संस्था नवभारत जागृति केंद्र( एनबीजेके ) के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इन दोनों संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से अक्टूबर 2017 में शुरू हुए एसबीआई ग्राम सेवा परियोजना का संचालन दिसंबर 2022 किया गया। चकाई प्रखंड के हेठ चकाई , पाटजोरी,छछूडीह, गरही, और ममताडीह गांवो मे क्रियान्वित किया गया था। एसबीआई ग्राहक सेवा के तहत चकाई प्रखंड के गांवो में 14 नए हैंडपंप लगाए गए। इसके अलावे चकाई के इन्हीं गांवों में 55 हैंडपंप की मरम्मत कर हैंडपंपों को कारगर बनाकर लोगों को शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराया गया। परियोजना के माध्यम से 42 कुआओं का भी जीर्णोद्धार कराया गया। जिससे लोगों को जल संरक्षण के काम में मदद मिल रहीं हैं।वही एक तालाब की भी मरम्मत कराया गया और एक लिफ्ट सिंचाई की व्यवस्था कर उसे 1550 फिट पाइप से जोड़ा गया। इसके अलावे चकई के पांच गांवो में सरकारी विद्यालयों के रसोई घरों में समरसेबूल मोटर, पानी टंकी, नल आदि का इंतजाम कर स्कुल मे पढ़ने वाले बच्चों के लिए पेयजल उपलब्ध कराया गया। एसबीआई ग्राहक सेवा परियोजना के लक्षित गांव के अंतर्गत 4318 पेड़ लगाए लगे ताकि पर्यावरण बेहतर बन सके। एसबीआई ग्राम सेवा परियोजना के उत्साहवर्धक परिणामों को देखते हुए एसबीआई और एनबीजेके की ओर से जनवरी 2023 में चकाई प्रखंड के 10 गांव में एसबीआई ग्राम सक्षम परियोजना की शुरुआत की गई। ग्राम सक्षम परियोजना प्रखंड के कांसजोर, बालजोरी, गजही, सोने, गुड़ियाडीह, गोसाईडीह, नारोंडीह, पिपरा, कलीबांक, बदियाडीह गांवो मे संचालित किया जा रहा है। मार्च 2024 तक की अवधि में एसबीआई ग्राम सक्षम के अंतर्गत चकाई प्रखंड के परियोजना गांव में 50 कुआं ओ का जीर्णोद्धार कार्यक्षम बनाया गया है, जिनमें जल संग्रहण कर किसानों को सिंचाई सुविधा हासिल हुई है। इसी प्रकार चकाई प्रखंड में 12 तालाबों का गहरीकरण हुआ है ताकि स्थानीय किसानों को कृषि हेतु पानी का अभाव नहीं रहे। इसके अतिरिक्त चकाई प्रखंड के परियोजना गांव के 150 सौ किसानों को इलेक्ट्रिक मोटर पंप भी उपलब्ध कराए गए हैं जिनसे उन्हें सिंचाई करने में मदद मिल रही है। सक्षम परियोजना के सौजन्य से चकाई प्रखंड के कुल 15 गांव में पेयजल उपलब्धता, जल संरक्षण सिंचाई सुविधा और पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से उल्लेखनीय पहल हुई है जिनका भरपूर लाभ स्थानीय किसानों को मिल रहा है।