कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज तमिलनाडु के दौरे पर हैं। राहुल गांधी ने चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज फॉर वुमेन की छात्राओं के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि “मौजूदा सरकार देश की संस्थाओं पर हमले कर रही है। जिन संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं, उसमें सुप्रीम कोर्ट भी शामिल है।” मेरा मानना है कि हमारे सभी संस्थानों को विचारों की आजादी होनी चाहिए। हमें किसी भी सोच को आंख बंद करके स्वीकार नहीं करना चाहिए।”
इस दौरान पहली छात्रा ने जब राहुल गांधी से सवाल किया तो उन्होंने राहुल गांधी को ‘सर’ कहकर संबोधित किया। इसके जवाब में राहुल गांधी ने छात्रा को टोकते हुए कहा कि क्या आप मुझे ‘सर’ के बजाय सिर्फ ‘राहुल’ कहकर पुकारेंगी। जिसके बाद पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी। छात्राओं के इस रिएक्शन को देखने के बाद राहुल गांधी भी मुस्कुराते हुए नजर आए।
राहुल गांधी ने छात्राओं से संबोधित करते हुए कहा कि देश में महिलाओं को लेकर नजरिये को बदलने की जरूरत है। मैं उन लोगों में से हूं, जो यह सोचता है कि महिलाओं को राजनीति में बेहतर जगह मिलनी चाहिए। महिलाओं को पुरुषों के बराबर होना चाहिए। सच कहूं तो मुझे शीर्ष स्तर पर पर्याप्त संख्या में महिलाएं नहीं दिखतीं। हम संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने जा रहे हैं और हम महिलाओं के लिए 33 फीसदी सरकारी नौकरियां आरक्षित करने जा रहे हैं।”
इस दौरान एक छात्रा द्वारा जीएसटी पर पूछे गए सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, “मोदी सरकार का यह फैसला व्यापारियों के लिए बेहद नुकसानदायक था। हमारी सोच यह है कि जीएसटी की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए। नोटबंदी ने देश के व्यापार को बर्बाद कर के रख दिया।” उन्होंने आगे कहा, “इस देश में 17 भ्रष्ट व्यापारियों को पैसा दिया जाता है। हम चाहते हैं कि यह पैसा छोटे व्यापारियों को दिया जाए, वे देश में रोजगार पैदा करेंगे। यह बड़े व्यापारी देश में रोजगार पैदा नहीं करते हैं।”
एक छात्रा द्वारा यह सवाल पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस की सरकार केंद्र में आई तो दक्षिण भारत के लिए आप क्या करेंगे। राहुल गांधी ने कहा, “मौजूदा मोदी सरकार सिर्फ उत्तर भारत का ध्यान रखती है। मुझे लगता है कि दक्षिण भारत से भी सरकार का नुमाइंदा होना चाहिए। यूपीए सरकार में 10 सालों तक तमिलनाडु से पी चिदंबरम ने एक मंत्री के रूप में काम संभाला और उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अपना योगदान दिया।”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हमारा मानना है कि भारत शिक्षा के क्षेत्र पर बहुत कम खर्च कर रहा है, और इस रकम को बहुत बढ़ाया जाना चाहिए। इस दौरान छात्राओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह इस तरह से कॉलेज में आकार छात्राओं द्वारा किसी भी सवाल का जवाब दे सकें। आप में से कितने लोगों को इस तरह से सवाल पूछने का मौका मिला है।”
राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार की नीति जम्मू-कश्मीर को आग में झोंकने की है। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद मोदी सरकार जागी है और कार्रवाई की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि आखिर उन जवानों को बचाने के लिए पहले से ही कदम क्यों नहीं उठाए गए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “कश्मीर इस वक्त जल रहा है, नागरिकों की मौत हो रही है। वाजपेयी सरकार के बाद जब यूपीए की सरकार आई तब आतंकवादियों पर लगाम लगाया गया। जवानों की मौत में कमी आई थी। यूपीए सरकार की नीतियों का असर था कि उस दौरान कश्मीर में शांति थी। लेकिन मोदी सरकार आते ही कश्मीर में अशांति फैल गई।”
छात्राओं से संवाद के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मेहुल चौकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या के बीच एक समानता है, कि सभी देश छोड़कर भाग चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत में इन दिनों एक वैचारिक लड़ाई चल रही है। एक विचारधारा लोगों को एक करने की है जो कहती है कि देश के सभी लोगों को एक साथ रहना चाहिए।
जब छात्रा ने राहुल गांधी से पूछा कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च फाउंडेशन वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। स्टाफ के सामने सैलरी की दिक्कत सामने आ रही है। देश में रिसर्च को लेकर आपका क्या ख्याल है? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि हम जानते हैं कि भारत शिक्षा पर कम खर्च करता है। शिक्षा पर खर्च बढ़ाया जाना चाहिए। सिर्फ पैसा खर्च करना ही नहीं शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता भी बहुत जरूरी है।
एक छात्रा ने जब पूछा कि मोदी को आपने गले क्यों मिले। इस सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के दिल में अहंकार, नफरत का गुब्बार भरा हुआ है। वे अक्सर मेरे बारे में, पार्टी के बारे में और मेरे परिवार के बारे में नफरत की भाषा बोलते हैं। इनकी इस हालात को देखकर मुझे उनके प्रति प्यार उमड़ता है। मुझे आर्श्चय होता है कि हिंदूस्तान की सुंदरता को देख नहीं पा रहे हैं।
इस दौरान राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैंने अपनी मां से विनम्रता का गुण सीखा है। कोई व्यक्ति कितना भी कमजोर हो, उसकी राय भी अनूठी हो सकती है और हर किसी को इसका हमेशा सम्मान करना चाहिए।