दिल्ली व्यूरो
दिल्ली । पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सभी सियासी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हुई हैं। वहीं बिक्रम सिंह मजीठिया की वजह शिरोमणि अकाली दल की सियासी ज़मीन खिसकती हुई नज़र आ रही है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की बेल खारिज कर दी गई है। चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी दल लगातार ड्रग्स मामले में शिरोमणि अकाली दल पर हमलावर है। पंजाब में ड्रग्स का मुद्दा चुनावी मुद्दा प्रमुख चुनावी मुद्दे में से एक है। यही वजह है कि बिक्रम सिंह मजीठिया के ड्रग्म केस में फंसने के बाद विपक्षी दलों ने शिअद के खिलाफ़ इसे चुनावी हथियार बना लिया है। चुनाव से ठीक पहले शिरोमणि अकाली दल को बिक्रम सिंह मजीठिया पर केस दर्ज होने से बड़ा झटका लगा है। शिरोमणि अकाली दल का काफ़ी जनाधार खिसक चुका है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने भी शिरोमणि अकाली दल पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बिक्रम सिंब मजीठिया का बेल ख़ारिज होने पर पंजाब के सभी लोगों को और कांग्रेस सरकार के साथ उनके मुखिया सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई देती हूं। सीएम चन्नी ने हिम्मत दिखाते हुए मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई की। बिक्रम सिंह मजीठिया बेल के लिए इधर-उधर भागते रहे, जब तक कांग्रेस की सरकार रही हमने बेल नहीं होने दी। आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार की शक्तियां कम हुईँ, बिक्रम सिंह मजीठिया को भाजपा की मदद से बेल मिल गई। आज हाईकोर्ट ने उस बेल को रद्द कर दिया है। अलका लांबा ने कहा कि हमने कहा था बेल हुई है, जेल भी होगी इसे कांग्रेस सुनिश्चित करेगी। हमारा वकीलों ने पंजाब के नशा माफियाओं के खिलाफ़ इस लड़ाई को मज़बूती से लड़ा और ये जीत हासिल की है।
आपको बता दें कुछ दिन पहले शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने छह शर्तों के साथ अंतरिम ज़मानत दी थी। हाईकोर्ट के शर्तों के मुताबिक बिक्रम सिंह मजीठिया मामले की सुनवाई तक विदेश नहीं जा सकते हैं, मोबाइल हमेशा ऑन रहने चाहिए। जांच एजेंसी जब भी ज़रूरत होगी उनके साथ व्हाट्सएप्प लाइव लोकेशन देनी होगी, जांच एजेंसी के सामने हाज़िर होना होगा। वह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मामले से जुड़े गवाह से संपर्क साधने की कोशिश नहीं करेंगे। इसके 438 (2) सीआरपीसी के तहत दर्ज सभी शर्तों को मानना होगा।
बिक्रम सिंह मजीठिया ने अग्रिम ज़मानत मिलने के बाद पंजाब की चन्नी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा पंजाब के इतिहास में पहली बार हुआ है कि 3 महीने में 4 डीजीपी बदले गए हैं। मुक्षे फंसाने और अपना पद को बचाने के लिए सीएम चन्नी ने अन्य मंत्रियों के साथ मिलकर साजिश रची है। बिक्रम सिंह मजीठिया ने 27 दिसंबर को मजीठिया ने अग्रिम जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। वहीं अग्रिम ज़मानत मिलने के बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि पूरी साजिश के तहत केस केस दर्ज किया गया। इसलिए खास तौर पर डीजीपी की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा था कि बिक्रम मजीठिया को जमानत मिल गई, सच की जीत हुई है।इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि ज़मानत मिली है, बिक्रम मजीठिया का केस ख़त्म नहीं हुआ है।