उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रियंका गांधी के ताबड़तोड़ दौरे से बीजेपी की बैचेनी बढ़ गई है. प्रियंका को जब से पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी और कांग्रेस महासचिव नियुक्त किया गया है, वह देश के सबसे बड़े सियासी सूबे में काफी सक्रिय हो गई हैं. अब इसकी काट के लिए बीजेपी भी रणनीति बनाने में जुट गई है. माना जा रहा है कि बीजेपी पूर्वांचल में गांधी बनाम गांधी का मुकाबला शुरू करने जा रही है.
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में शुक्रवार को बीजेपी की एक बैठक होनी हैं, जिसमें पीलीभीत से मौजूदा सांसद मेनका गांधी मौजूद रहेंगी. मेनका गांधी केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ प्रियंका गांधी की चाची भी हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी प्रियंका को घेरने के लिए मेनका गांधी को मैदान में उतार सकती है और इस बाबत पूर्वांचल में उनकी चुनावी रैलियों की योजना है. इस बार मेनका गांधी सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं.
अपनी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधने वाली प्रियंका गांधी के लिए अपनी चाची मेनका गांधी पर सियासी हमले करना आसान नहीं होगा. आमतौर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हों या फिर कांग्रेस का कोई और नेता, उसे मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी पर निशाना साधते हुए कम ही देखा गया है. इस बात को ध्यान में रखते हुए गांधी परिवार की ही सदस्य मेनका अब प्रियंका को काउंटर करने का जिम्मा संभाल सकती हैं.
प्रियंका गांधी फिलहाल अयोध्या, रायबरेली और अमेठी के दौरे पर हैं. इससे पहले उन्होंने प्रयागराज से वाराणसी तक की बोट यात्रा की थी. इस यात्रा के दौरान वह गंगा के किनारे बसे गांवों में गईं और वहां के लोगों से कांग्रेस को वोट करने की अपील की थी. प्रियंका की बढ़ती सक्रियता बीजेपी के लिए चिंता का सबब बन सकती है. हालांकि आधिकारिक तौर पर बीजेपी के तमाम बड़े नेता खुल तौर पर प्रियंका गांधी के असर को नकारते आए हैं. बीजेपी का कहना है कि प्रियंका पहले भी अमेठी और रायबरेली में अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के लिए चुनाव प्रचार करती आई हैं और उनके आने से कांग्रेस का भला होने वाला नहीं है.