*दिहाड़ी मजदूरी कर बड़ी मुश्किल से किसी तरह 4 परिवारों का जीवन यापन*
*राशन कार्ड नहीं होने से ना मिलता अनाज और ना ही सरकारी योजना का लाभ*
आदिवासी एक्सप्रेस/संवाददाता मोहनपुर: राज्य सरकार राशन कार्ड नाम जोड़ने और नया राशन कार्ड बनवाने की कई व्यवस्था की गई है लेकिन व्यवस्था के अंतर्गत काम करने वाले अधिकारी की उदासीनता ही गरीब जनता को परेशान करती है। शायद अधिकारी भूल गए चलिए हम आपको बता देते हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते दिन देवघर कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अधिकारी गरीब जनता के लिए हित में काम करें पर यह सोच धरी की धरी रह गई। आलम यह है कि प्रखंड के बाघमारी किता खरवा गांव के अमृत यादव ने नया राशन कार्ड बनवाने को लेकर 2 साल पहले ऑनलाइन आवेदन दिया गया था। परंतु अब तक कार्ड नहीं बना वही 2 वर्षों से प्रखंड आपूर्ति कार्यालय का चक्कर भी लगा लगा कर थक चुका है। अमृत यादव बताते हैं कि हम कुल चार परिवार हैं किसी तरह दिहाड़ी मजदूरी कर बड़ी मुश्किल से परिवार चलाते हैं। राशन कार्ड के बिना ना हो तो अनाज मिलता है और ना ही सरकारी योजना का लाभ मिलता उन्होंने बताया कि आपकी अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में भी आवेदन दिया लेकिन परिणाम सिफर रहा। इतना ही नहीं प्रखंड कार्यालय पहुंच कर राशन कार्ड निर्गत करने के संबंध में पूछताछ की जाती है तो सही जानकारी देने के बदले आश्वासन की घूंट पिला कर लौटा देते हैं।