पूजा सिंघल 20 करोड़ का राज़दार! दूसरे दिन भी ‘ऑपरेशन खान’ जारी

विशेष संवाददाता द्वारा
रांची : आईएएस पूजा सिंघल की मुसीबतें बढ़नेवाली है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसता जा रहा है। मनी लाउंड्रिंग केस में भी फंसती दिख रही हैं। पूजा सिंघल के पति, भाई, पति के सीए सुमन कुमार और अन्य लोगों के करीब दो दर्जन ठिकानों पर कार्रवाई जारी है। छापेमारी में करोड़ों रुपये नकद के साथ ही बेनामी संपत्ति के कई कागजात बरामद किए गए। अब इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी संभव है।
आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनके सहयोगियों की ओर से विभिन्न कंपनियों में निवेश किया गया है। निवेश और बेनामी संपत्ति को लेकर जब्त दस्तावेज की जांच की जा रही है। बताया गया कि शुक्रवार सुबह से लेकर शनिवार सुबह 5 बजे तक सुमन कुमार के रांची के बूटी मोड़ स्थित फ्लैट में ईडी के अधिकारी छानबीन करते रहे। जिसके बाद सुबह 5 बजे ईडी के अधिकारी सुमन को अपने साथ ले गए। वहीं, ईडी के अधिकारी शुक्रवार को सीए सुमन कुमार के भाई पवन को अपने साथ ले गए थे, लेकिन शनिवार को उन्हें छोड़ दिया गया।


आईएएस पूजा सिंघल और उनके पति के सीए सुमन कुमार के घर से 17 करोड़ 60 लाख रुपए मिले हैं। जिसे ईडी के अधिकारी आठ बक्सों में भर अपने साथ ले गए। वहीं, सुमन ने ईडी को ये जानकारी दी है कि सारे पैसे उनके ही हैं। ईडी को सुमन कुमार के अलावा अन्य स्थानों से भी नकदी मिली है। अब तक 19 करोड़ 31 लाख रुपए मिलने की बात कही गई है।
वहीं, ईडी की टीम आईएएस पूजा सिंघल के रांची के बरियातू रोड स्थित पल्स हॉस्पिटल में दूसरे दिन भी छानबीन में जुटी है। शनिवार को सुबह में ईडी की टीम पल्स हॉस्पिटल पहुंची। बताया गया है कि शुक्रवार से अधिक संख्या में शनिवार को ईडी के अधिकारी पल्स हॉस्पिटल पहुंचे। प्रवर्त्तन निदेशालय की छापेमारी में शुक्रवार को जो दस्तावेज मिले थे, उसकी गहराई से जांच की जा रही है। शुरुआती छानबीन में ये जानकारी मिली है कि पूजा सिंघल और उनके परिवार के सदस्यों ने महाराष्ट्र के एक अस्पताल में निवेश किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पल्स हॉस्पिटल से ईडी के अधिकारियों को कई लैपटॉप भी मिले हैं, लेकिन पासवर्ड नहीं मिलने के कारण अब तक उसे खोला नहीं जा सका है।

इधर, शनिवार को कोलकाता से ईडी के 12 अधिकारियों की टीम रांची पहुंची और राजधानी के विभिन्न स्थानों पर चल रही छापेमारी में सहयोग कर रहे हैं। ईडी के अधिकारी अलग-अलग स्थानों पर गुप्त तरीके से जांच अभियान में जुटे हैं। फिलहाल ईडी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

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