व्यूरो
रायपुर:झारखंड के सत्ताधारी महागठबंधन के विधायकों की बाड़ेबंदी जारी है। राज्य कैबिनेट की बैठक के लिए रांची गए मंत्रियों में से दो लोग वापस मेफेयर रिसॉर्ट पहुंच गए हैं। वहीं झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर शनिवार शाम को दिल्ली रवाना हो गए। उन्हें रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कांग्रेस की महंगाई विरोधी रैली में हिस्सा लेना है।
झारखंड के राजनीतिक संकट को लेकर रांची से दिल्ली और रायपुर तक हलचल तेज हो चुकी है। सरकार ने 5 सितम्बर को विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया है। इसमें वह विश्वास मत पेश करने वाली है। वहीं झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली चले गए हैं। बताया जा रहा है कि वे वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं। राज्यपाल ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर अपना फैसला नहीं लिया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस के प्रतिनििधमंडल से उन्होंने तीन-चार दिनों में स्थिति स्पष्ट करने की बात कही थी। ऐसे में माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद राज्यपाल अपना अभिमत दे देंगे।
इस बीच राज्य कैबिनेट की बैठक में शामिल होने रांची गए कांग्रेस कोटे के मंत्री बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख रायपुर लौट आए हैं। वे मुख्यमंत्री का संदेश भी लाए हैं। इस बीच खुद मुख्यमंत्री इन विधायकों से लगातार संपर्क में हैं। विधायकों के साथ आए झारखंड के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर शनिवार शाम अकेले ही हवाई अड्डे पहुंचे। उन्हें दिल्ली की नियमित उड़ान पकड़नी थी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की रैली में हिस्सा लेकर वे रायपुर लौट आएंगे।
झारखंड के विधायकों को पांच सितम्बर को ही रांची ले जाया जाएगा। उनको विशेष विमान से सुबह 8 बजे रवाना करने की योजना है। कहा जा रहा है, विधायक पूरी तरह तैयार होकर जाएंगे। उन्हें रांची हवाई अड्डे से बसों में बिठाकर सीधे विधानसभा ले जाया जाएगा। वहां हेमंत सोरेन सरकार विश्वास मत पेश करने वाली है। कुछ नेताओं का कहना है, एक योजना रविवार शाम को ही विधायकों को रांची शिफ्ट कर देने की है, ताकि एक बार मुख्यमंत्री के साथ उनकी बैठक हो जाए।
झारखंड के सत्ताधारी गठबंधन के 32 विधायक 30 अगस्त की शाम रायपुर पहुंचे थे। उन्हें नवा रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में तगड़ी सुरक्षा के बीच ठहराया गया है। मीडिया से बातचीत में विधायकों का कहना था, उनको खरीद-फरोख्त और दबाव आदि की आशंका है। इसकी वजह से वे यहां एक साथ रह रहे हैं। एक अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। उसमें शामिल होने के लिए मंत्री रांची भी गए।
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