मध्य प्रदेश के चित्रकूट में दो भाइयों की हत्या के बाद से तनाव का माहौल है। घटना के विरोध में रविवार को चित्रकूट में सैकड़ों लोगों ने सद्गुरु सेवा ट्रस्ट में तोड़फोड़ की थी। जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं सोमवार को सतना में भी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। अपहरणकर्ताओं की गाड़ी में राजनीतिक पार्टी के झंडे की वजह से घटना को सियासी मोड़ भी मिल गया है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जुड़वा बच्चों के परिवार से मुलाकात कर दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की है। वहीं, बच्चों के पिता बृजेश रावत ने भी अपने बेटों के हत्यारों के लिए फांसी की सजा देने को कहा है।
बृजेश रावत ने उन्होंने कहा, ‘जिंदा नदी में फेंक दिया। फिरौती भी ले लिए और मेरे बच्चों को खत्म कर दिया… केवल पैसों के लिए,’ यह कहते हुए बृजेश रो पड़ते हैं। बृजेश आगे कहते हैं कि उन्होंने 19 फरवरी को किडनैपर्स को 20 लाख रुपये दिए थे और उसी दोपहर उनसे आखिरी बार बात की थी। यह आखिरी बार था जब उन्होंने अपने बच्चों की आवाज सुनी थी। अपने आंसू पोंछते हुए वह कहते हैं, ‘उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए। ऐसे लोग समाज में रहने लायक नहीं हैं।’
परिवार से मुलाकात करने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, ‘सोना चाहता हूं, लेकिन आंखों में नींद नहीं है, मन बेचैन है, कैसे शांति पाऊं, यही सोच रहा हूं! अभी प्रियांश और श्रेयांश दोनों बेटों के पिता जी से मिलकर आ रहा हूं। अंतरात्मा रो रही है, मन दर्द से भरा हुआ है आखिर कोई इतना हृदयहीन कैसे हो सकता है कि मासूम बच्चों को जिनके पिता ने उन्हें बचाने के लिए फिरौती दे दी थी, उनको मारने में हाथ भी न कांपे.
शिवराज ने लिखा, ‘मानवता शर्मसार हुई है, संवेदनाएं मर गई हैं। जब उनके पिता का दर्द देखा तो नि:शब्द हो गया, कहने को शब्द नहीं थे। पिता की एक ही मांग है कि अपराधियों को ऐसी सजा दी जाए कि फिर कोई दूसरे बच्चे प्रियांश और श्रेयांश की तरह तड़पा-तड़पा कर न मारे जाए।
- 12 फरवरी को दोनों मासूमों को स्कूल बस से गन पॉइंट पर अगवा कर लिया गया था, बस के सीसीटीवी में घटना कैद हो गई थी
- शनिवार को उत्तर प्रदेश के बांदा में मासूमों के शव मिले थे, घटना के बाद से चित्रकूट और सतना में तनाव का माहौल है, धारा 144 लागू
- मासूमों के पिता बृजेश रावत ने अपने बच्चों के हत्यारों के लिए फांसी की सजा की मांग की है, शिवराज सिंह चौहान परिवार से मिले