हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है : सदानंद महतो

गोमो। तोपचांची प्रखंड अंतर्गत रंगरीटाड तथा चितरपुर के अंबाडीह गांव में भोक्तामेला सह चड़क पूजा का आयोजन किया गया. जिसमें भोक्तागण में बड़ी ही श्रद्धाभाव व विधि विधान के साथ पूजा अर्चना किया.यह पर्व वैशाख माह में मनाया जाता है.झारखंड प्रदेश का संस्कृत सभी राज्यों से भिन्न है.यह पर्व आदिकाल से मनाया जाता आ रहा है.यह पर्व कुडमि जाति के लिए विशेष महत्व रखता है.इसमें बुढ़ाथान में लाठ- खुटा में भोक्तागण 80 फीट के ऊंचे डंडा में झूला करते हैं.इस दौरान कहीं-कहीं लोग आग जलाकर उसमें कर्तव्य दिखाए करते हैं,कहीं पर पीठ पर कील लगाते हैं,कहीं श्रद्धालु जीभ पर तार भी लगाते हैं. बुढ़ाबाबा थान पर बकरा बलि दी जाती है. महिला पुरुष नहा धोकर दंड भी देते हैं.वहीं इस अवसर पर आजसू नेता सदानंद महतो ने कहा कि चड़क पूजा हमारे झारखंड प्रदेश का महत्वपूर्ण परब है.इसे भोक्ता मेला के रूप में आयोजित की जाती है. महिलाओं व ग्रामीणों में काफी उत्साह का माहौल रहता है।कार्यक्रम को सफल करने में रामसेवक महतो,नरेश महतो, गोपाल महतो,भागीरथ महतो, चुन्नू मांझी,तुलु महतो,वीरेंद्र महतो,डीलूराम महतो,अजीत कुमार महतो,थानूराम महतो, इंद्रदेव महतो,चेतलाल महतो, बाबूलाल महतो,महेंद्र महतो, मोहन ठाकुर,महावीर महतो, बुधन बाऊरी,मोहन महतो,जितेंद्र महतो,बिंदेश्वर प्रसाद महतो, शंकर रवानी आदि सैकड़ो महिला पुरुष मौजूद थे।

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