नवनिर्वाचित मुखिया ने पंचायत की विकास पर लगाया है विराम, किया जा रहा हैं सरकार को बदनाम.
.जमुआ प्रखंड में अनोखा ही मामला प्रकाश में आया है.
.शुभम सौरभगिरिडीह,विशेष प्रतिनिधि। प्रदेश की सरकार हो या केंद्र की सरकार आम नागरिकों तक विकास की किरण पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं जिसको लेकर पंचायत स्तर पर पंचायत की सरकार बनाई गई है,ताकि लोगों तक सरकार की जनकल्याण कारी योजना पहुंच सके। *जमुआ प्रखंड में अनोखा ही मामला प्रकाश में आया है*दरअसल मामला यह है कि जमुआ प्रखंड विकास पदाधिकारी के विज्ञापन संख्या 1972/ दिनांक 27/07/23 को ज्ञापन जारी करती है जिसमें जमुआ प्रखंड के लगभग 31 पंचायत के मुखिया 15वें वित्त आयोग मद की ओर से मिलने वाली राशि से विकास योजनाओं में खर्च नहीं कर पाए हैं।
आवेदन में 7 दिनों के अंदर लगभग 31 पंचायत जिसमें चुंगलखार, सियाटांड़, चिलगा, गोरो, चचघरा, नवडीहा,रेम्बा इत्यादि पंचायत के मुखिया को राशि खर्च करने का निर्देश दिया गया।*किस-किस पंचायत में 15वें वित्त राशि का हुआ अभी तक का कार्य*चित्तरडीह, धोथो, धुरगडगी, करिहारी, कारोडीह, नावाडीह, पालमो, पिण्डरसोत, पोबी, प्रतापुर एवं टीकामगह पंचायत में अभी तक का 15 वे वित्त राशि का हुआ हैं शत प्रतिशत कार्य। *राशि खर्च नहीं होने से पंचायत की विकास योजनाओं में लगी है पूर्ण विराम* क्या कहते हैं ग्रामीण..ग्रामीणों ने कहा नवनिर्वाचित प्रतिनिधि 15वे विद मत से मिलने वाली राशि अगर अभी तक सत प्रतिशत खर्च नहीं हुआ तो पंचायत के लिए दुर्भाग्य है प्रतिनिधि को आमसभा पारित करके पंचायत में विकास योजनाओं पर कार्य करने चाहिए।
*क्या कहते हैं नेता* 20सूत्री उपाध्यक्ष मनीष वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को बदनाम करने की हो रही हैं साजिश तथा इन पंचायतो के खिलाफ सम्बंधित अधिकारी एवम सरकार को कराएंगे अवगत। जमुआ प्रखंड कांग्रेस उपाध्यक्ष विवेक आनंद कुशवाहा ने कहा प्रखंड कार्यालय का आवेदन देखकर काफी चिंतित हूँ आखिर निर्वाचित मुखिया अपने क्षेत्र में विकास कार्यों पर पूर्ण विराम क्यों लगाना चाहता है,अगर मुखिया 15वित्त की राशि शत प्रतिशत खर्च नहीं करते हैं तो इससे हमारी गठबंधन सरकार की विकास योजना भी बाधित हो रहा है, इस संदर्भ में अपने मंत्री महोदय से अपने बातों को रखूंगा।