बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट पर आज सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार नामांकन दाखिल करेंगे. इस सीट पर चौथे चरण के तहत 29 अप्रैल को चुनाव होना है. जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगे. सीपीआई ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया है. बेगूसराय सीट पर कन्हैया कुमार का मुकाबला बीजेपी के गिरिराज सिंह और आरजेडी के तनवीर हसन से है.
नामांकन से एक दिन पहले कन्हैया कुमार ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. कन्हैया ने कहा कि मुझे लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन करना है. यह चुनाव मैं अकेले नहीं लड़ रहा, बल्कि वे सभी मेरे साथ उम्मीदवार के तौर पर खड़े हैं जो शोषितों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
साथियों, कल मुझे लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन करना है। यह चुनाव मैं अकेले नहीं लड़ रहा, बल्कि वे सभी मेरे साथ उम्मीदवार के तौर पर खड़े हैं जो शोषितों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उम्मीद है जो साथी बेगूसराय में हैं वे समय निकालकर इस मौके पर मेरे साथ ज़रूर मौजूद रहेंगे।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र भरा था. इस सीट पर बीजेपी नेता गिरिराज सिंह, आरजेडी के तनवीर हसन और सीपीआई के कन्हैया कुमार के बीच मुख्य मुकाबला है. गिरिराज ने नामांकन पत्र भरने के कार्यक्रम को बड़ा ही सामान्य रखा था नामांकन से एक दिन पहले शहर के बाहरी क्षेत्र में एक ट्रक सड़क से उतर गया था और सात लोगों की मौत हो गई थी. बेगूसराय के सांसद भोला सिंह के निधन और नवादा सीट गठबंधन की सहयोगी लोजपा के पास चले जाने के कारण गिरिराज सिंह की सीट बदली गई है. गिरिराज सिंह के नामांकन के दौरान भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी, जदयू के नेता आर सीपी सिंह मौजूदथे. जदयू बिहार में राजग का तीसरा घटक है. तनवीर हसन भी इसी हफ्ते पर्चा दाखिल करेंगे.
दिल्ली की एक अदालत ने 2016 जेएनयू राजद्रोह मामले में छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति पर फैसला लेने के लिए सरकार को 23 जुलाई तक का समय दिया है. मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने दिल्ली सरकार को समय दिया, जिसने पहले अदालत से कहा था कि अनुमति देने के लिए किसी फैसले तक पहुंचने में एक महीने से अधिक का समय लग सकता है. पुलिस ने इस साल 14 जनवरी को कन्हैया कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करते हुए कहा था कि वह 9 फरवरी 2016 में जेएनयू परिसर में हुए समारोह में निकाले गए जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने राजद्रोही नारों का समर्थन किया था.