News Agency : लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत दर्ज करने के बाद गुरुवार को नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ fifty seven मंत्रियों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। लेकिन इस दौरान नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल युनाइटेड सरकार में शामिल वहीं हुई। दरअसल जदयू को मंत्रिमंडल में सिर्फ एक मंत्री पद का प्रस्ताव दिया गया था, जबकि नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों को शामिल कराना चाहते थे, जिसके चलते भाजपा और जदयू के बीच आम सहमति नहीं बन सकी। लिहाजा नीतीश कुमार नई सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला लिया।हालांकि नीतीश कुमार शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए और उन्होंने यह भी साफ किया कि उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा बनी रहेगी। नीतीश कुमार के करीबी सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार को एक मंत्री पद का प्रस्ताव दिया गया था ,लेकिन वह सरकार में बेहतर प्रतिनिधित्व चाहते थे। सूत्रों की मानें तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को मंगलवार को फोन किया था और इस बात की जानकारी दी थी कि मंत्रिमंडल में एक मंत्री को शामिल किया जाएगा।बता दें कि नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में बिहार की 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भारतीय जनता पार्टी ने अकेले दम पर लोकसभा चुनाव में 303 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि पूर्ण बहुमत के लिए सिर्फ 272 सीटों की जरूरत होती है। बता दें कि नीतीश कुमार एक मात्र एनडीए के सहयोगी हैं जिनसे खुद अमित शाह ने मंत्रियों के नाम फाइनल करने से पहले मुलाकात की थी। नीतीश कुमार ने साफ कर दिया था कि वह एक कैबिनेट मंत्री का पद उन्हें स्वीकार नहीं है क्योंकि उनसे कहीं छोटे सहयोगी दलों को भी एक मंत्री पद मिला है।
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