News Agency : झारखंड के कुख्यात नक्सली कमांडर कुंदन पाहन को रांची की एक अदालत ने शनिवार को 2009 में नामकुम मुठभेड़ केस में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. रांची सिविल कोर्ट के माननीय जज एसके सिंह की अदालत ने वर्ष 2009 में हुई एक मुठभेड़ में उसे दोषी नहीं पाया. मई, 2017 में पुलिस के समक्ष सरेंडर करने वाला कुंदन कई साल तक पुलिस के लिए सिरदर्द और क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन गया था.
6 अक्तूबर, 2009 को ही स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार का अड़की से अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी. इंस्पेक्टर इंदवार का शव दो दिन बाद रांची-टाटा रोड पर मिला था.डीएसपी, इंस्पेक्टर और कई पुलिसवालों की हत्या समेत 128 आपराधिक मामलों में वांछित कुंदन पाहन ने सरेंडर करते हुए कहा था कि नक्सलवाद से उसका मोहभंग हो गया है. माओवादी अपने सिद्धांतों से भटक गये हैं. इसके साथ ही उसने कहा था कि अपराध की दुनिया में जाकर उसने जो कुछ भी किया, उसके लिए उसे पछतावा है. फिलहाल वह जेल की सलाखों के पीछे है.