* पेयजल आपूर्ति योजना पर भी धावा बोला, ट्रांसफार्मर को विस्फोट कर उड़ा दिया गया
गिरिडीह। माओवादी ने शनिवार की देर रात गिरिडीह सदर प्रखंड के सिंदवरिया पंचायत स्थित बारागढहा घाट और लुरंगो घाट के बीच बराकर नदी पर बने पुल को विस्फोट कर उड़ा दिया। वे अपने नेता और नक्सली कमांडर प्रशांत बोस तथा शीला मरांडी की रिहाई को लेकर प्रतिरोध सप्ताह मना रहे नक्सलियों ने शुक्रवार की रात पीरटांड इलाके में मोबाइल टावर को निशाना बनाया था। नक्सलियों ने बराकर नदी पर बनें पुल को विस्फोट कर उड़ाया। माओवादियों ने बराकर नदी पर बनें पुल के एक हिस्से को विस्फोट कर उड़ा दिया। घटना 22 जनवरी की देर रात गिरिडीह जिले में घटी है । नक्सली माओवादी पोलित ब्यूरो प्रशांत बोस और उनकी पत्नी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। इसके विरोध में नक्सली संगठन 21 जनवरी से प्रतिरोध दिवस मना रहे है। इससे पहले नक्सलियों ने दो मोबाइल टावर भी उड़ा दिया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक शनिवार रात करीब ढाई बजे नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया। नक्सलियों का दस्ता मुफस्सिल थाना इलाके के बरागढहा गांव स्थित बराकर नदी पर पहुंचा। यहां बने पुल का एक हिस्सा विस्फोट कर ब्लास्ट किया।
विदित हो कि नक्सलियों ने 21 जनवरी की करीब रात 11 बजे गिरिडीह जिले के उग्रवाद प्रभावित पीरटांड़ थाना क्षेत्र के मधुबन और खुखरा थाना क्षेत्र के महुआटांड़ में धमाका कर दो मोबाइल टावर को ध्वस्त कर दिया था। माओवादी का आरोप है, कि प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी को जेल में यातना दी जा रही है। विस्फोट करने के बाद नक्सलियों ने वहां पर्चा भी छोड़ा था।
विदित हो कि नक्सली 21 जनवरी से झारखंड- बिहार में छह दिवसीय प्रतिरोध दिवस मना रहे हैं। उसने 27 जनवरी को झारखंड-बिहार बंद करने की घोषणा रखी है। इधर गिरिडीह जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बाबा दुखिया महादेव धाम में 25 करोड़ की लागत से बने ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना पर भी माओवादियों ने हमला बोला । विदित हो कि वहां पर 200 केवीए के ट्रांसफर्मर ट्रांसफार्मर को विस्फोट लगाकर उड़ा दिया गया।
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