देश में आधे से ज्यादा हिंदू भाजपा को वोट नहीं देते हैं, इन चार विचारधाराओं के हिंदू अगर एक साथ आ गए तो BJP को दी जा सकती है शिकस्त
पटना: दो दिवसीय यात्रा पर सुपौल पहुंचे जन सुराज अभियान के शिल्पकार प्रशांत किशोर ने देश की राजनीति में हिंदू पर छिड़े बहस पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ आप मुस्लिम समुदाय के लोग जितनी शिद्दत से लड़ रहे हैं वो भी उतनी ही शिद्दत से लड़ रहे हैं। जब भी मुस्लिम समाज को लगे कि कोई हिन्दू नहीं बचा बिहार और देश में तो मैं आपको एक बात याद दिलाना चाहूंगा। भाजपा को इस देश में 36 प्रतिशत वोट आया है। 2019 में 37 प्रतिशत वोट आया था। आज देश में 80 प्रतिशत हिन्दू रहते हैं, अगर 80 में 36 प्रतिशत वोट आया तो इसका मतलब है आधे से अधिक हिन्दुओं ने भाजपा को अभी तक स्वीकार नहीं किया। देश में ये कौन हिन्दू हैं? इनको पहचानिए!
बिहार में आप देख रहे हैं कि कोई यादव है, कोई दलित है, या कोई पंडित है। मैं आपको आज बता रहा हूं कि ये चार प्रकार के कौन हिन्दू हैं जो भाजपा के खिलाफ वोट कर रहे हैं? पहले वो जो गांधी को मानने वाले हिन्दू हैं, वो चाहे बनिया हैं ब्राह्मण हैं या कुशवाहा हैं वो भाजपा को नहीं मानते हैं। जो आंबेडकर को मानने वाला हिन्दू हैं वो चाहे किसी भी जाति का हिन्दू हो वो भाजपा को नहीं मानते। जो कम्युनिस्ट विचारधारा को मानने वाले हिन्दू हैं वो भी भाजपा को नहीं मानते। जो पुराने सोशलिस्ट हैं, लोहिया को मानने वाले हिन्दू हैं वो भी भाजपा को नहीं मानते। तो फिर वो कौन हैं जो भाजपा को मानते हैं? मैं आपको एक बात बता सकता हूं कि ये चारों विचारधारा के मानने वाले हिन्दुओं के साथ अगर आपने गठजोड़ सामाजिक-राजनीतिक बनाया तो आप हो जाएंगे 70 और भाजपा हो जाएगी 30 और यही भाजपा से लड़ने का तरीका और हथियार होगा, जिसे मैं बिहार में बनाने की कोशिश कर रहा हूं। आधे से ज्यादा जो भाजपा के खिलाफ खड़े हैं उसके साथ मुसलमानों का सामाजिक-राजनीतिक गठजोड़ बने तभी इन्हें शिकस्त दिया जा सकता है। यही जन सुराज का अभियान है।