News Agency : कांग्रेस ने मोदी सरकार पर देश को कंगाली की हालत में पहुंचाने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरेजवाला ने कहा, “वित्त मंत्रालय के सनसनीखेज आंकड़े के मुताबिक, मोदी सरकार ने four साल nine महीने में यानी मार्च 2014 के बाद दिसंबर 2018 तक thirty लाख twenty eight हजार 945 करोड़ का अतिरिक्त कर्ज लेकर देश के लोगों को कंगाल बनाने का एक घिनौना षड्यंत्र किया है।” उन्होंने आगे कहा, “70 साल में यानी मार्च 2014 तक देश पर fifty three लाख eleven हजार करोड़ रुपये का कर्ज था।
वित्त मंत्रालय के दस्तावेजों के मुताबिक, मोदी जी के four साल nine महीने में fifty seven प्रतिशत कर्ज बढ़ गया और यह eighty three लाख forty हजार करोड़ हो गया। यह आंकड़ा दिसंबर 2018 तक का है। fifty seven प्रतिशत के मुताबिक, देश पर thirty लाख twenty eight हजार 945 करोड़ के कर्ज की बढ़ोतरी हुई है।” उन्होंने आगे कहा, “देश के one hundred thirty करोड़ देशवासियों पर मोदी जी ने प्रति व्यक्ति twenty three,300 रुपए का अतिरिक्त कर्ज का बोझ केवल चार साल नौ महीने की सरकार में डाल दिया है।”
सुरजेवाला ने कहा कि मोदी जी ने कर्ज लेकर पैसा लुटाया और अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया। उन्होंने आगे कहा, “साफ है कि मोदी जी ने कर्ज लेकर पैसा लुटाया और अर्थव्यवस्था का बंटाधार किया। आजीविका के संकट से जूझते देश के हर व्यक्ति को मोदी जी ने अपने वित्तीय कुप्रबंधन, प्रचार प्रसार और चुनिंदा उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए कर्जदार बना डाला।” उन्होंने आगे कहा कि चौंकाने वाली बात यह भी है कि दिसंबर 2018 से मार्च 2019 के बीच लाखों करोड़ का बेतहाशा और अनाप-शनाप कर्ज मोदी सरकार ने लिया है।
सार्वजनिक पटल पर जानकारी के मुताबिक मार्च, 2019 तक मोदी सरकार ने seven,16,700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लिया है और देश का कुल कर्ज बढ़कर, 90,56,725 करोड़ रुपए हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिसंबर 2018 से मार्च 2019 के बीच लिए कर्ज का डेटा वित्त मंत्रालय और मोदी सरकार जनता को जानबूझकर बता नहीं रही। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि असुविधा वाले डेटा को छिपाने का आदत मोदी सरकार की पुरानी है। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार द्वारा आज तक न तो मार्च 2019 तक लिए कर्ज का डेटा बताया गया।
इसके अलावा बेरोजगारी का डेटा, पोषण का डेटा, विदेशी निवेश का डेटा, किसान आत्महत्याओं का डेटा, महिलाओं के खिलाफ अपराध का डेटा आदि बार-बार छिपाए गए। उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ देशवासियों को कर्ज के बोझ में डुबोया जा रहा है, तो दूसरी ओर चुनिंदा उद्योगपति मित्रों का five,50,000 करोड़ रुपए मोदी सरकार ने माफ कर दिया। बैंकों का एनपीए बढ़कर twelve,00,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
सरकारी कंपनियों को कर्ज के मुंह में धकेलकर एक षडयंत्र के तहत डुबोया या बंद किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अकेले राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी ने पिछले पांच सालों में one,67,399 करोड़ का कर्ज ले लिया। बीएसएनएल, एमटीएनएल, पवन हंस, इंडिया पोस्ट आदि बंद होने की कगार पर हैं। यहां तक कि नवरत्न कंपनी जैसे ओएनजीसी, एचएएल, सेल इत्यादि भी कर्ज के बोझ से जूझ रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि पूरा देश पुकार पुकार कर कह रहा है, “सूटबूट की सरकार, देश को बनाया कर्जदार।”