बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद को हजारीबाग न्यायालय ने किया बरी।
केरेडारी थाना कांड संख्या 37/18 मे विधायक को किया गया बरी, चौकीदार ने कबूला की तत्कालीन डीएसपी ने सादे पेपर में करवाया था हस्ताक्षर।
आदिवासी एक्सप्रेस संवाददाता बड़कागाँव।
केरेडारी थाना कांड संख्या 37/18 मे बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद को दिन बृहस्पतिवार को हजारीबाग न्यायालय ने बरी कर दिया|
ज्ञात हो कि केरेडारी थाने में दर्ज मामले के अनुसार तत्कालीन डीएसपी ने बेलतू क्षेत्र के चौकीदार को सादे पेपर में हस्ताक्षर करवा कर अंबा प्रसाद पर वर्ष 2018 मे जब वह विधायक नहीं थी तभी उन पर मामला दर्ज किया गया था| चौकीदार के द्वारा दर्ज एफ आई आर के अनुसार घागरा डैम निर्माण कार्य,जो संवेदक मुकेश साव एवं राजेश साव के द्वारा की जा रही थी,उस पक्की नहर परियोजना की जांच करने हजारीबाग एवं रांची से टीम आई थी| वहां पर देखरेख कि ड्यूटी चौकीदार को दी गई थी और करीब 2 बजे दिन जब मौके पर जल संसाधन की टीम जांच कर रही थी, स्थल पर दोनों संवेदक के अलावा बेलतो पंचायत के मुखिया एवं अन्य आठ 10 सदस्य मौजूद थे| आरोप था कि अंबा प्रसाद तत्कालीन विधायक निर्मला देवी की पुत्री 5-6 लड़कों और पुलिस वाला बॉडीगार्ड के साथ संवेदक द्वारा किए जा रहे कार्य का लेखा-जोखा मांगने लगी थी| वही पूर्व के अन्य पारिवारिक मामलों को इस तथाकथित मामले से जोड़कर अंबा प्रसाद पर आरोप गठित किया गया था और चौकीदार के माध्यम से एफ आई आर दर्ज कराया गया था| काफी दिन चली इस सुनवाई के बाद यह सिद्ध हो गया कि दर्ज मामला निराधार है एवं तत्कालीन सरकार एवं पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से विधायक एवं उनके परिजनों को बस प्रताड़ित करने के प्रयास से केस किया गया था।
अंबा प्रसाद ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने हमारे परिवार को सिर्फ प्रताड़ित करने का काम किया है। चौकीदार ने यह कबूला है कि तत्कालीन डीएसपी के इशारे पर उन्होंने सादे पेपर पर हस्ताक्षर किया था और इस सारे मामले में मुझे फसाने का प्रयास किया गया| उन्होंने कहा कि काफी वर्षों तक इस मामले के चलते न्यायालय के दरवाजे को खटखटाने का काम मेरे द्वारा किया गया और आज माननीय हजारीबाग न्यायालय ने मुझे बरी करके न्याय दिलाने का कार्य किया है|