पाकुड़ जिले के डांगा पाड़ा में प्रदूषण नियमों को दरकिनार कर गांव के बीच मिक्सर प्लांट की फैक्ट्री
आख़िर इसके जिम्मेदार कौन प्रदूषण से होने वाले रोग की जिम्मेदारी किनके कंधो पर
गणेश झा
पाकुड़ ।पाकुड़ जिले में प्रदूषण नियंत्रण परिषद् की मेहरबानी या कहे मन मर्जी इस विभाग की जांच एवं कारवाई एक अतीत रह जाती हैं प्रदूषण नियंत्रण परिषद् के द्वारा कोई ठोस कारवाई नहीं दिखती है साथ साथ जिले में कई वैसी मशीनरी हैं जो खुले आम प्रदूषण नियंत्रण नियमों की शर्तो का उलंघन करते नज़र आते है पाकुड़ जिले का डांगा पाड़ा में जो के०पी०सी०एल ० का मिक्सर प्लांट हैं यह प्लांट की प्रदूषण अनापत्ति प्रमाणपत्र पत्र जारी है कया यह कम्पनी की प्लांट स्थापित होने से पुर्व ग्रामिणो की सहमति बनी थीं इस प्रकार इस मामले गांव के बीचों बीच मे मिक्सर प्लांट की स्थापना सारे नियमों कानूनों बसूलो को तोड़ कर स्थापित किया गया है इस प्लांट से निकलने वाली प्रदूषण एवं अलकतरा का जला हुआ दुर्गंध अत्यंत ज़हरीला रसायन पुरे वायु में फैलता है जिस कारण गांव में बिमारी का प्रकोप जारी रहता है डांगा पाड़ा के०पी०सी०एल० मिक्सर प्लांट कंपनी के द्वारा एक सड़क निर्माण कार्य रानीपुर मोड से लेकर पोचाईबेड़ा तक की गई थी जिस सड़क के गार्ड वाल और नाली निर्माण चित्लो फॉर्म के सरकारी बोल्डर से करवाया गया है आख़िर एक प्राइवेट कंपनी सरकारी बोल्डर चोरी करवा कर लगवाया हों उस सड़क की गुणबत्ता की स्तिथि उनके मानक प्राक्कलन के अनुरूप संभव है क्या उक्त प्लांट की सारी प्रक्रिया सड़क मरम्मती के लिए कम्पनी रखी हुईं हैं डब्लू० पी० डी० सी० एल० अपने सड़कों को दुरुस्त किस कदर करने को तैयार हैं यह जनता जानती हैं आखिर डब्लू० पी० डी० सी० एल० आलू बेड़ा से लेकर साइडिंग पाकुड़ तक गहरी प्रदूषण फैला कर रखा है ओर अब चंद दल्लो के चक्कर में डांगा पाड़ा के नव युवक ने इस गैर कानूनी तरीके से चलने वाले मिक्सर प्लांट को बंद करने हेतु धरना प्रदर्शन भी किया था पर स्थानीय पुलिस के द्वारा दबाव देकर इन्हें हटाया गया था