हिरणपुर में लूट की छूटपाकुड़

।हिरणपुर में मनरेगाकर्मी तथा बिचौलिया की मनमानी चरम पर है काम हो या नही पैसा का निकासी होना जरूरी है, बिना जेब गर्म किए कोई मनरेगा कर्मी शायद घर से बाहर ही नही निकलते है, जिस तरह से लगता है की इन मनरेगाकर्मी को सरकार विकास करने के लिए नही बल्कि हिरणपुर प्रखंड को विनाश करने के लिए रखा है अंधेरा नगरी के चौपट राजा को तो पीसी से मतलब है चाहें धारातल में काम हो या नही उसे कोई फर्क नही पड़ने वालायह रवाया देखकर एक कवाहत याद आ गया तुहू लुटू हामू लुटाब काहे कि हिरणपुर प्रखण्ड में लूटे के आजादी बा

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