मुलायम सिंह यादव को संभल लोकसभा सीट से विशेष लगाव रहा है. अब मुलायम चाहते हैं कि सपा इस सीट से अपर्णा यादव को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारे. 1998 और 1999 में मुलायम यहां से सांसद भी रहे हैं. 2004 में जब उन्होंने इस सीट को छोड़ा तो अपने भाई रामगोपाल यादव को यहां से जिताया. 2004 से 2009 तक रामगोपाल का कब्जा इस सीट पर रहा.
समाजवादी पार्टी ने अपनी पहली सूची जारी की तो उसमें पहला नाम मुलायम सिंह यादव का ही था. इससे पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि आखिर मुलायम किसके टिकट पर लड़ेंगे. प्रसपा के टिकट पर या फिर सपा के टिकट पर. लेकिन इस सूची के सामने आने पर इस विवाद का तो अंत हो गया.
मुलायम ने संसद में मोदी के दोबारा पीएम बनने की कामना की. कार्यकर्ताओं से बात करते हुए साफ कहा कि गठबंधन बिना उनसे पूछे किया गया. इन बयानों के बाद सपा हाईकमान यकीनन परेशानी में पड़ गया था. लेकिन अब लग रहा है जैसे सब ठीक हो गया है.
माना जा रहा है कि टिकट बंटवारे में अब मुलायम सिंह यादव को भी तरजीह दी जा रही है और उनकी बातों को गंभीरता से सुना जा रहा है. अखिलेश से मुलायम ने छोटी बहू अपर्णा को संभल सीट से चुनाव लड़ाने को कहा है.
मैनपुरी, इटावा, के बाद सपा की पसंदीदा सीटें बदायूं, संभल और कन्नौज रही हैं. ऐसे में अगर अपर्णा यादव संभल से चुनाव लड़ेंगी तो गठबंधन इस सीट पर कड़ी टक्कर देगा. वर्तमान में संभल सीट पर बीजेपी का कब्जा है.