लालू यादव पर नई आफत सीबीआई जांच शुरू

चारा घोटाले में रांची जेल के मार्फत इलाज के लिए रिम्‍स में कैद लालू यादव नई परेशानी में फंस सकते हैं . मामला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है . सीबीआई जांच अभी राजस्‍थान में शुरु हुई है . दायरा और भी बढ़ सकता है . शिकायत है कि साल 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव यूपीए गवर्नमेंट में रेल मंत्री थे, तब रेलवे में बिना एग्‍जाम – बिना इंटरव्‍यू लिए बहालियां हुईं .

लालू यादव के लिए मुसीबत ये भी है कि रेलवे भर्ती घोटाले की यह सीबीआई जांच राजस्‍थान में शुरु हुई है . जोधपुर के पत्रकार प्रवीण धींगरा रिपोर्ट कर रहे हैं कि भर्ती घोटाले की इस जांच में रेलवे के बड़े अधिकारियों से पूछताछ तो होगी ही, साथ में तब रेल मंत्री रहे लालू यादव की भूमिका भी देखी जाएगी .


सीबीआई ने अब तक पाया है कि नार्थ – वेस्‍ट रेलवे जोन में 2004 से 2009 के बीच 276 लोगों को बिना कोई एग्‍जाम और इंटरव्‍यू नौकरी दे दी गई . यह नौकरी जोधपुर, जयपुर, बीकानेर व अजमेर मंडल में दी गई . हैरत की बात ये है कि जिन 276 लोगों को बिना एग्‍जाम और बिना इंटरव्‍यू लिए नौकरियां मिलीं, उनमें सबसे अधिक 111 लोग बिहार के रहने वाले थे . इस कारण ही लालू यादव पर शक गहराता जा रहा है .

सभी नियुक्तियां रेलवे के जनरल मैनेजर की हैसियत रखने वाले अधिकारियों ने दी है . दरअसल, कुछ कारणों से विशेष परिस्थितियों में रेलवे ने जनरल मैनेजर को ऐसी नियुक्तियों का अधिकार दे रखा है . ऐसी नियुक्तियों में एप्‍लीकेंट का सिर्फ दसवीं पास होना जरुरी होता है . एप्‍लीकेशन के लिए सिर्फ लिखित प्रार्थना पत्र, फोटो और दसवीं पास होने का मार्कशीट होना ही जरुरी होता है .

ऐसी नियुक्तियों में पहले 120 दिन नियमित कार्य करना होता है . 120 दिनों के बाद अस्‍थायी कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया जाता है . फिर स्‍क्रीनिंग के आधार पर स्‍थायी नौकरी दे दी जाती है . राजस्‍थान के इस मामले में ऐसा ही हुआ है, जिसकी सीबीआई जांच शुरु की जा चुकी है .

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