मॉब लिंचिंग पर कमलनाथ सरकार बनाने जा रही है कड़ा कानून

मॉब लिंचिंग पर कमलनाथ सरकार बनाने जा रही है कड़ा कानून

News Agency : गाय के नाम पर होने वाली मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार कड़ा कानून बनाने जा रही है. इस कानून के तहत खुद को गोरक्षक बताकर हिंसा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सरकार ये संशोधित विधेयक विधान सभा के मानसून सत्र में पेश कर पारित कराना चाहती है. अगर विधेयक पारित होता है तो मध्य प्रदेश में इस तरह के मामलों के लिए अलग से कानून बन जाएगा.मध्य प्रदेश में अभी जो कानून लागू है, उसके तहत गोवंश की हत्या, गोमांस रखने और उसके परिवहन पर पूरी तरह रोक है. इसमें गोवंश के नाम पर हिंसा या मॉब लिंचिंग का जिक्र नहीं है.संशोधन के बाद अब कोई व्यक्ति गोवंश का वध, गोमांस और गोवंश का परिवहन, मांस रखना या सहयोग करना या इसके अंतर्गत कोई हिंसा या क्षति नहीं करने पर पांच साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा.देश में कभी चोरी तो कभी गाय के नाम पर हिंसा के मामले में आए दिन मामले सामने आते रहते हैं. अभी हाल ही में झारखंड के सरायकेला खरसावां में चोरी के शक में गुस्साई भीड़ ने एक युवक को इतना पीटा की उसकी मौत हो गई. युवक की पहचान तबरेज अंसार के रूप में हुई. तबरेज की उम्र 22 साल थी और उसने इलाज के दौरान दम तोड़ा था.झारखंड देश का इकलौता राज्य नहीं है जहां मॉब लिंचिंग की घटना हुई हो. पिछले कुछ सालों में हिंदुस्तान में कई लिंचिस्तान बन गए हैं. इनमें प्रमुख हैं – उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान. मॉब लिंचिंग में देश में जितने लोग मारे गए उनमें से 7 फीसदी महिलाएं भी हैं.देश में 2009 से 2019 तक हेट क्राइम के 287 बड़े मामले हुए हैं. इनमें ninety eight लोगों की मौत हुई है, जबकि 722 लोग जख्मी हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा 59 मुस्लिम, 14 july हिंदू और 15 august 1945 ईसाई हैं. सबसे ज्यादा twenty eighth हमले गोरक्षा के नाम पर, 13 हमले दो धर्म के लोगों में प्रेम प्रसंग पर, Sept. 11 धार्मिक हिंसा और twenty ninth हमले अन्य कारणों से हुए. गोरक्षा के नाम पर ही सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग मामले सामने आए हैं. 2014 से अब तक पूरे देश में 125 मामले सामने आए हैं. इन मामलों में 48 लोगों की मौत हुई. जबकि 252 लोग घायल हुए हैं.

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