News Agency : श्रीलंका की राजधानी कोलंबों में रविवार को हुए ब्लास्ट्स की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है। इन हमलों में three hundred से ज्यादा की मौत हो चुकी है। अभी तक हमलों के पीछे श्रीलंका के संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) को सरकार की ओर से जिम्मेदार माना जा रहा था। आईएस की प्रपोगेंडा एजेंसी अमाक की ओर से बयान जारी कर मंगलवार को हमलों की जिम्मेदारी ली गई है।
अमाक ने अपने बयान में कहा है कि संगठन उन देशों के नागरिकों को निशाना बना रहा था जो उस पर हमले के लिए जिम्मेदार हैं। साथ ही निशाने पर क्रिश्चियंस भी हैं।अमाक ने बयान में कहा है, ‘सुरक्षा सूत्रों की ओर से अमाक एजेंसी को बताया गया था कि हमलावर अमेरिकी की अगुवाई वाले देशों के नागरिकों को निशाना बनाने और श्रीलंका के क्रिश्चियंस को निशाना बनाने वाले सैनिक आईएसआईएस के थे।’ बयान में आगे कुछ भी नहीं कहा गया है। मंगलवार को ही श्रीलंका के उप-रक्षा मंत्री ने मंगलवार को बताया है कि ईस्टर संडे मास पर हुए ब्लास्ट्स को क्राइस्टचर्च हमले की प्रतिक्रिया करार दिया है।
वहीं दूसरी ओर भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसियों से जुड़े सूत्रों की ओर से कहा गया है कि कोलंबों में ब्लास्ट्स को बिल्कुल आईएस के आतंकियों के अंदाज में अंजाम दिया गया था। अभी तक एनटीजे और आईएस के आतंकियों के बीच कोई सीधा संबंध पता नहीं लग पाया था लेकिन जांच से जुड़े लोगों ने इस बात को माना था भारत, श्रीलंका को हमलों के बाद जांच के लिए इंटेलीजेंस और टेक्निकल सपोर्ट दे रहा है। इन हमलों में जिसमें से सात आत्मघाती थे, अब तक 310 लोगों की मौत हो चुकी है। इन 310 में से ten मृतक भारतीय हैं। भारतीय विशेषज्ञों और सीनियर अधिकारियों की मानें तो हमलों में आइएस की छाप नजर आती है। पिछले वर्ष मई से ही इंडोनेशिया और फिलीपींस में चर्च पर होने वाले हमलों के लिए आईएस ने जिम्मेदारी ली है। साथ ही भारतीय एजेंसियां इस बात पर भी नजर रखे हैं कि कहीं तमिलनाडु स्थित संस्था का हमलों से कोई लेना-देना है या नहीं।
तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) का आतंकवाद से कोई सीधा संपर्क नहीं है। लेकिन इस पर नजर रखी जा रही है क्योंकि अधिकारियों का मानना है संस्था रेडीक्लाइजेशन में लगी है। खुद संस्था की ओर से भी बयान जारी किया गया है। संस्था के जनरल सेक्रेटरी अब्दुल रहमान की ओर से कहा गया है कि श्रीलंका या किसी और देश के संगठन के साथ उनका कोई लेना-देना नहीं है और वह पूरी तरह से एक स्वतंत्र संस्था के तौर पर काम कर रहे हैं।