पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को लगता है कि अगर भारत में बीजेपी फिर सत्ता में आती है तो दोनों देशों के बीच शांति वार्ता की संभावनाएं ज़्यादा हैं. पाकिस्तान में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगर भारत में नई सरकार विपक्षी पार्टी कांग्रेस की बनती है तो हो सकता है कि वो पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर डरी हुई हो.
मगर इमरान ख़ान के बयान को सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस तरह से देख रहे हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया की बहाली के लिए ही सही, वह नरेंद्र मोदी को फिर प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं.
ऐसे में सोशल मीडिया पर आम यूज़र्स तो इमरान ख़ान के इस बयान के बहाने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध ही रहे हैं, विपक्षी दलों के राजनेता भी व्यंग्य और कटाक्ष करने में पीछे नहीं रहे.
उनका कहना है कि बीजेपी नेता और समर्थक अक्सर विपक्ष को पाकिस्तान से जोड़ते रहते हैं लेकिन अब जबकि ”पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ही नरेंद्र मोदी का समर्थन कर दिया” तो वे सब चुप हैं.
दरअसल गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान दिसंबर 2017 में बनासकांठा के पालनपुर में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ‘पाकिस्तान कांग्रेस के साथ मिलकर गुजरात चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा है.’
प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान के एक पूर्व अधिकारी चाहते हैं कि कांग्रेस नेता अहमद पटेल गुजरात के अगले मुख्यमंत्री बनें.
रैली में आगे बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘हाल ही में कांग्रेस से निलंबित किए गए मणिशंकर अय्यर के घर कुछ ही दिन पहले एक बैठक हुई थी जिसमें पाकिस्तान के उच्चायुक्त, पूर्व विदेश मंत्री, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मौजूद थे.’
इमरान ख़ान के बयान के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट करके कहा है कि पाकिस्तान आधिकारिक रूप से मोदी के साथ जुड़ चुका है. सीपीएम महाचसिव सीताराम येचुरी ने भी ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, “मोदी के चुनाव अभियान का एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान रहा है और उन्होंने बड़े ही अभद्र ढंग से पाकिस्तान को विपक्ष से जोड़ने की कोशिश की है. लेकिन अब हमें पता चल गया कि पाकिस्तान किसे प्रधानमंत्री चाहता है- इकलौते भारतीय प्रधानमंत्री को जिसने आईएसआई को अपने सैन्य अड्डे का दौरा करने का न्योता दिया और इकलौता प्रधानमंत्री जो बिना बुलाए पाकिस्तान चला गया.”
आम आदमी पार्टी के नेता भी प्रहार करने में पीछे नहीं रहे. पार्टी सांसद संजय सिंह ने लिखा है, “अगर मोदी चुनाव जीत गए तो पाकिस्तान में पटाखे दगेंगे, ईद मनाई जाएगी. क्या इमरान ख़ान ने मोदी को चुनाव जिताने के लिए पुलवामा की घटना कराई? पुलवामा घटना के बाद भी मोदी ने पाकिस्तान डे पर बधाई देकर इमरान से क्या समझौता किया?”
वहीं आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संजय सिंह के इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा है, “इमरान ख़ान का बयान आने के बाद आज हर कोई यही सवाल पूछ रहा है.” इसके अलावा उन्होंने ये भी लिखा है कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि पाकिस्तान भाजपा को चुनाव जिताने में किस तरह से मदद कर रहा है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी समर्थकों पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है, “ज़रा सोचिए, अगर इमरान ख़ान ने इन चुनावों में प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी का समर्थन किया होता तो ‘चौकीदार’ नाम वाले हैंडल क्या कर रहे होते. अब ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग कौन है?”
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने व्यंग्य करते हुए ट्वीट किया है, “भक्त अपना सिर खुजा रहे हैं और इस उलझन में हैं कि उन्हें इमरान ख़ान की तारीफ़ करनी चाहिए या नहीं.”
विपक्षी दलों और राजनेताओं की ओर से इमरान ख़ान के बयान को लेकर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले जारी हैं, लेकिन बीजेपी की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
(बीबीसी से साभार)