*चांदन नदी के रढिया घाट: से खुलेआम दिन रात अवैध बालू उठाव का खेल जारी, बालू माफिया के सामने पुलिस प्रशासन फेल*

*प्रत्येक दिन अहले सुबह खुलेआम सड़कों पर रौंदते नजर नजर आते हैं एक साथ दर्जनों ट्रैक्टर*

आदिवासी एक्सप्रेस /संवाददातारिखिया: थाना क्षेत्र के चांदन नदी के रढिया व कदरसा घाट से प्रतिबंधित बालू घाट से अवैध उत्खनन रोकने के लिए पुलिस के कड़े रुख के बावजूद भी बालू माफिया कारोबार दिन-रात धड़ल्ले जारी है। वही शनिवार को सुबह अहले एक दर्जनों से अधिक ट्रैक्टर अवैध बालू उठाव का सड़क पर रौंदते नजर आए। मगर प्रशासन की क्या मजाल जो इस पर नजरें पड़े ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन या फिर जिला विभाग पदाधिकारी को नहीं है लेकिन बालू माफिया के इस शातिराना अंदाज के सामने सब कुछ फेल है। बालू माफियाओं की भागीदारी धड़ल्ले से दिन-रात उठाव कर रहे सूत्रों की मानें तो अवैध खनन रात के अंधेरे में बालू का काला कारोबार खेल किया जाता है जिले के अधिकारी सक्रिय है और उसके द्वारा छापेमारी की जाती है लेकिन वह छापेमारी ऊंटों के जीरा बराबर होता है। गौरतलब है कि नदियों से अवैध खनन से नदी का रुख लगातार बदलते जा रही है वहीं नदियों से सटे हुए ग्रामीणों के सिर पर खतरा मंडराने लगा है। स्थानीय सूत्रों की मानें तो बताया जा रहा है कि प्रत्येक दिन अहले सुबह 4 बजे से 6बजे के बीच में नदियों से अवैध बालू उठाव किया जाता है। *काफी मजबूत है अवैध बालू माफियाओं का सूचना तंत्र* जानकारी हो कि रढ़िया के इलाके में दलाल दिन चौकीदारी करते हैं और प्रति ट्रैक्टर तीन सौ से पांच सौ रुपए तक की अवैध उगाही करते हैं। ताकि प्रशासन की गाड़ी की सूचना और पल-पल की खबर अवैध बालू माफियाओं को दी जा सके बताते चले कि कुछ माह पहले बालू ट्रैक्टर पकड़ने, छोड़ने, लेनदेन का ऑडियो भी वायरल हुआ था जो कि अब तक पुष्टि नहीं हो पाई आखिर कब तक चलेगा या अवैध बालू कारोबार का खेल। सूत्रों की जानकारी से गांव वासियों का कहना है कि सीमा से बाहर जाकर अवैध बालू खनन किया जा रहा है। इस गोरखधंधे में सिर्फ खानापूर्ति किया जाता है।

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