राज्य सरकारों को चेतावनी अब किराये के भवनों में नहीं चलेंगे आई आई टी और आई आई एम

राज्य सरकारों को चेतावनी अब किराये के भवनों में नहीं चलेंगे आई आई टी और आई आई एम

News Agency : आईआईटी, एनआईटी और आईआईएम अब किराये के भवनों में नहीं चलेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने राज्य सरकारों को एक महीने में ऐसे राष्ट्रीय संस्थानों को जमीन मुहैया कराने का अल्टीमेटम दिया है। यदि कोई राज्य इन राष्ट्रीय संस्थानों को जमीन मुहैया नहीं कराते हैं तो फिर ऐसे संस्थानों को अन्य राज्यों में शिफ्ट कर दिया जाएगा। छात्रों के नुकसान के लिए राज्य जिम्मेदार होंगे। क्योंकि, एनआईटी में 50 फीसदी सीट संबंधित राज्य के छात्रों की आरक्षित रहती हैं।सूत्रों के मुताबिक, निशंक ने पिछले हफ्ते देश के सभी आईआईटी, एनआईटी और आईआईएम के डायरेक्टर संग बैठक की थी। इसमें छह से अधिक डायरेक्टर ने बताया कि उनके पास अपने भवन तक नहीं है। वे किराये के भवन में काम कर रहे हैं। इससे पढ़ाई प्रभावित होती है और छात्रों की सुरक्षा को भी खतरा है। कैंपस और हॉस्टल दूर होने से आवागमन में दिक्कत रहती है। केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि वे उन्हें जमीन की परेशानी नहीं होने देंगे। इसके अलावा जो भी दिक्कतें हैं, उन्हें भी दूर किया जाएगा। गौरतलब है कि करीब सात साल पहले नए आईआईटी, एनआईटी व आईआईएम बनाए गए थे, लेकिन राज्य सरकारों की सुस्ती के कारण राष्ट्रीय संस्थानों में छात्र किराये के भवनों में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। देश के सभी राज्यों की स्टेट यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में करीब तीन लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। निशंक ने राज्यों को इन पदों को जल्द से जल्द भरने का निर्देश दिया है, ताकि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और पढ़ाई में सुधार लाया जा सके। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों की अतिरिक्त सीटों व इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए 717 करोड़ रुपये की धनराशि भी मुहैया कराई गई है।

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