*रांची : ओबीसी कोटे से झामुमो के सबसे कद्दावर नेता रहे जगरनाथ महतो के असमय निधन के 88वें दिन उनकी पत्नी बेबी देवी ने हेमंत कैबिनेट में उनकी जगह ले ली, राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलायी। लेकिन यह शपथ ग्रहण समारोह कई वजहों से सुर्खियों के साथ-साथ सवालों के घेरे में आ गया है, राजभवन के बाहर जमा बेबी देवी और झामुमो के समर्थक इस उम्मीद में आए थे कि उन्हें भी शपथ ग्रहण का गवाह बनने का मौक मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ, कार्यकर्ता तो दूर हेमंत कैबिनेट के मंत्री मिथिलेश ठाकुर तक नाराज होकर राजभवन के गेट से ही लौट गये,कार में गुलदस्ता लेकर पहुंचे थे।
लेकिन सुरक्षा प्रहरियों ने कह दिया कि सिर्फ आप अकेले ही राजभवन में जा सकते हैं, इसी बात पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर नाराज हो गये, हेमंत सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता और हफिजुल हसन सहित कई विधायकों को राजभवन के मुख्य गेट पर अंदर से प्रवेश की अनुमति मिलने का इंतजार काफी देर तक करना पड़ा, अहम बात यह भी है कि खुद मुख्यमंत्री भी मेन गेट के बजाए दूसरे गेट से राजभवन में प्रवेश किए।
इस दौरान राजभवन के बाहर ऊहापोह वाली स्थिति बनी रही, किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हुआ, आम लोग चर्चा करते दिखे कि पूर्व में हाजी हुसैन अंसारी के निधन पर उनके पुत्र हफीजुल हसन को भी विधानसभा उपचुनाव से पहले ही मंत्री बनाया गया था।
तब पूरा कार्यक्रम बिरसा मंडप में हुआ था, वहां तमाम मंत्री, नेता और झामुमो समर्थक पहुंचे थे,लेकिन बेबी देवी का शपथ ग्रहण समारोह दरबार हॉल में आयोजित हुआ,वहां जगह की कमी है, इसलिए सेलेक्टिव लोगों को ही आने की अनुमति थी, मंत्री व मीडियाकर्मियों को नहीं दी गयी अंदर जाने की अनुमति दरअसल मंत्री मिथिलेश ठाकुर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राजभवन पहुंचे थे,लेकिन उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गयी, जिससे नाराज होकर वे लौट गये।
उन्होंने कहा कि वे इस समारोह में शामिल नहीं होंगे, कहा कि केंद्र के इशारे पर राजभवन काम कर रहा है, यह लोकतंत्र पर कुठाराघात है, मंत्रियों को नहीं जाने देना, उसके कार्यकर्ताओं को नहीं जाने देना और मीडियाकर्मियों को भी नहीं जाने देना, यह पूरी तरह से तानाशाही है, इससे आगे उन्होंने कहा कि राजभवन पूरी तरह से केंद्र के इशारे पर काम कर रहा है।*